ढलता हुआ दिन
आख़िर ढल ही जाता है !!
समय का चक्र घूमते हुए
वो भी अपना पुरा कर ही लेता है !!
जीवन जिने का नाम है
तो बेशक मरण आखरी सम्मान है !!
लाख़ कर लो
अपनी गुणगान प्रिये
हमारा तो प्रभु अभिमान है !!
तुम्हारा मेरा
जो भी हक़ मे है
प्रभु की कृपा से वो जरूर आता है !!
खुद की अकर, गुमान
या फिर स्वभिमान फर्क नहीं परता ;
बात न किया करो हमारी और
आपकी, समय के साथ ये भी बदल जाता है !!-
🎂22july
बहुत दिनों बाद जो मिले थे…
उनसे हमारा पूछना बनता था…!
जनाब क्या हाल है आपका…?
उन्होंने थोड़ा मुस्कुराते हुए बोला...
मेरे उपर इन नराजगियों का मेहरबानी कुछ जायदा है
मेरे नाकाव पोष अपनों को पहचान कराने का जो किया वायदा है
वैसे कुछ खास फर्क नहीं पड़ता इनसे मुझे
पर क्या करें इन जाहिलों पर भरोसा भी तो खुद से कहीं जायदा है !!
खैर मेरा क्या है ये सब तो चलेगा
अपना बतलाओ…?
मेरा हाल भी कुछ ऐसा ही है...
ये जरूर ले डूबे हैं मेरे मुझिसे अपने को
फिर भी इन्हें सही रास्ते पर
लाने के लिए देख रहे हैं अनगिनत सपनों को
आना जाना तो कुछ ऐसा लगा है
जैसे मानो इनका कोई हिसाब मैंने उधार ले रखा है
बाकी तो सब उपर बाला चका चक कर रखा है !!-
मुहब्बत और नफ़रत की जंग जारी थी !
मुहब्बत अपनी राय दे रहा था, तो वहीं
नफ़रत अपनी जिद्द पर अडा हुआ था ;
पिस रहे थे हम उन दोनो की अपनी अपनी चाह पर
मजबूरन दबे जा रहें थे हम उनकी ज़िद्द भड़ी राह पर
सहसा एक उपाय सुझा, जिसे मैंने उपयोग मे लिया
शांति का राह पकर तमाम उलझनों को छोड़,
बस आगे की तरफ चल दिया !!-
आज आप दोनो की वैवाहिक जीवन की पूरे 39
बर्ष हो गएँ है । 😍
और इस 39वीं बर्षगांठ पर आप दोनो को प्यार ,
हंसी और इस खूबसूरत जीवन की ढेर ढेर
ढेर सारी शुभकामनाएं माते & पापा ❤️
मैं भोले बाबा से प्रार्थना करता हूं 🙏
की आप दोनों की जीवन मे खुशियाँ खूब सारा भर दें ! 🤞🙏
मेरी राधा रानी जी अपनी कृपा हमेसा आप दोनोें पर बरसाती रहें ! ❤️
साथ हीं मेरे पद्मनाभा, परमात्मा, मुरलीधर, मुरलीमनोहर, नंदगोपाला
मनमोहना कोई भी मुश्किल वक्त हो उससे पार कर रक्षा करें 🙏🤞
विश्वास का यह बंधन बस यूँ हीं उम्र भर साथ बना रहे!
न किसी की नज़र लगे और ना हीं किसी से कुछ असर पड़े !!
शादी की सालगिरह की ढेर सारी शुभकामनाएं मम्मी पापा ❤️-
क्यूँ पूछें हम
किसी से ख़ुद की बारे में...
हम क्या हैं...
भला ये हमसे बेहतर
और कौन बतलाएगा ...!!
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क्या करूँ मै;
एक तो अपने दिल मे जगह दे पाती नही हो !
दूसरी, मेरी नज़रो के सामने से दूर जाती नहीं हो !!
उम्मीद लगाए बैठा हुं,
तेरी तरस खाने को मुहब्बत में ...
जो की मानता हुँ , ग़लत है ।
पर मात यहाँ भी खा जाता हुं,
तुम हो की नजदीक आती नही हो !!
प्यार शायद था हीं नही मुझसे,
पर सवाल ये है की
इसे भी तुम हक से बतलाती क्यूं नही हो !!-
ये सुर्ख लाल चेहरे ऐसे हीं नहीं हुए है !
शर्मोहया ने अपना चोला हटाया जब मेरे पिया जी आएं है !!-
सादगी यूं हीं नहीं शर्मा जाए तुम्हें देख कर,
तेरी दीदार के बाद जन्नत भी फीकी लगी है !!-
मेरी निगाहों ने...
किसी और की मुहब्बत को देखी,
और जा छुटा मेरी मुहब्बत की हाथ मेरे हाथों से !
क्या हीं बतलाए मन की बेचैनियां ;
अब तड़पना मेरे दिल को पर रहा है
वहीं खड़ा है बेचारा मेरा ज़ुबा भी खामोसे !!-