Bobby Tiwari   (Tiwari bobby)
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Joined 28 May 2020


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Joined 28 May 2020
21 FEB 2022 AT 10:20

मित्र का कोई लिंग नहीं होता..
फिर मित्रता मे इतने सवाल क्यों..?
मित्र की कोई जाति नहीं होती..
फिर मित्रता मे इतने बवाल क्यों..?

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13 FEB 2022 AT 23:01

मोहब्बत एक तरफा नही
इश्क में खुमार चाहिए...
मोहब्बत मुकम्मल हो या ना हो.
इश्क बेशुमार चाहिए....— % &

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11 FEB 2022 AT 8:18

मशहूर होने की चाहत में इक कहानी बन गई....
मैं तो आगे बढ़ गई पीछे मेरी निशानी रह गई..— % &

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11 FEB 2022 AT 8:15

मेरे किस्से में मैं खुद ही उलझी हुई हूं
मैं किसी और के कहानी का किरदार कैसे बनू.....— % &

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28 JAN 2022 AT 23:37

हर शक्स कोई न कोई रोल अदा कर रहा है
तभी तो हर कोई हर किसी के जज्बात से खेल रहा है...

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21 JAN 2022 AT 11:22

मेरे नाम के साथ उसका नाम जुड़ा....
और फिर दो नाम एक हो गए....
उसने एक नाम के टुकड़े दुकड़े कर दिए....
फिर वो नाम टुकड़ों में रह गए.......

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12 JAN 2022 AT 21:56

भूत को देख के वर्तमान को परखा जा रहा था
इक गलती क्या हुई उसे गुनहगार बनाया जा रहा था
बेटी के ना चाहते हुए भी, माँ बाप के द्वारा एक अनचाहे रिश्ते में उसे बाधा जा रहा था..
वो रिश्ता जो उसके काबिल भी नही था...
पति को परमेश्वर बोला जाता है,और उसी पति के द्वारा उसे हर रोज प्रताड़ित किया जा रहा था...
एक हस्ती खेलती जिंदगी ने अपनी जान गवा दी थी...
उसकी अंतिम विदाई में उसकी अर्थी सजाई जा रही थी..
और समाज की विडम्बना तो देखो....
लाल चुनरी के साथ, उस दरिंदे के नाम के सिंदूर से उसकी मांग को सजाया जा रहा था...

Tiwari bobby



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12 JAN 2022 AT 21:02

अतीत को याद करने का कोई फायदा नहीं...
हकीकत ये है, अतीत व्यतीत हो चुका है....

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9 JAN 2022 AT 17:12

पीछे मुड़ के देखना भी नही चाहती
और आगे सब धुदला नजर आ रहा है
कुछ साफ दिखता भी नही..
ये कैसी दुविधा में हूं मैं खड़ी....

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6 JAN 2022 AT 22:46

इक दफा लगता है जीना छोड़ दूँ
फिर लगता है मुसीबत का सामना किये बगैर सांसें कैसे बंद कर लू...
(हार के थक जाना फिर नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना
difficult but not imposible)

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