मुश्किल से जिसे दफ़नाया था एक सुर्खी से निकल आया सुनना नहीं था वो गाना मगर अनसुना कर न सका। ना पलटना था वो पन्ने मुझे ना जाना था वहाँ फिर से पलट छुका था हर वो पन्ना खोने से खुद को रोक ना सका ।
फिर से याद तेरी सताने लगी.. पर बताने को जताने को तु है ही नहीं।
वक़्त ने निसान तो मिट दिया मगर दर्द आज भी उतना ही हे। तुम ने तो हम से दूरी बना लिया पर हम आज भी वहीं खड़े हे। तेरा इंतज़ार कब का छोड़ दिया बस ये जख्म आगे जाने नहीं दे रहे।
We haven't met for more than 4 years We have missed each other's #d_days In the era of face time, we do voice calls That's not even daily We don't tag each other with memes