Blood In Pen   (@blood_in_pen)
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Joined 11 April 2020


Joined 11 April 2020
9 AUG 2020 AT 13:29

रंग रही हूं मैं ये कैसी रंग में
मैं नहीं हूं खुद अपने ही बस में..

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3 SEP 2021 AT 15:12

जिसने जिंदगी की सही मायने समझाया
जिंदगी जीने का तरीका सिखाया..
जिसके साथ मैने जिंदगी की हर सपने देख ली
आज खुदा ने उसे मुझसे जुदा कर दिया...

कर्मा अगर कुछ हो तो
इसकी सजा आप पे भी लगेगा हे भगवान
गुस्ताखी है माफ मगर
क्यों चुरा लेते हो आप हमसे सारे अच्छे इंसान ?!

मिलना अगर हमारे किस्मत में न थी
तो जिंदगी की तार आपने जोड़ा ही क्यों
राह अगर जुदा थी हमारी
रास्ते में हमें मिलवाया क्यों ??

तेरे संगे बिताए हुए सारे पल
अब याद बनके रह जायेंगे ..
यादों में सिमटी हुई मैं
तेरी देवदास बनके मर जाऊंगी ...

सह न पाए खुशियां हमारी
शायद नज़र लग गए किसकी
खुदा ने तो हमें जुड़ा कर दिया
पर तू ये बता..
मैं खुदको तुझसे जुदा कैसे करूं ...
#RIP Sid #staystrongSana

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31 AUG 2021 AT 16:28

वक्त तो एक पल में ही गुजर जाती है
साथ में बस कुछ यादों की सिलसिला चलती है...

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18 JUN 2021 AT 19:07

कमजोरी थी मेरी
तुम्हारे वगैर जीना
अब मजबूरी है मेरी..

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8 JUN 2021 AT 22:31

Hanste toh hm roz hain
Par shayad muskurana bhul gaye hain
Band kamre main akele
Hm sab Jina sikh gaye hain
Kisike apne gaye
Toh Kisine apne sapne khoye
Gir kr uthne se pehle
Kitnone toh dobara chot bhi khaye
Jii toh sab rahe hain
Saath marne ki umeed le kar
Nind ud jati hai lakho ki
Suraj ke agli kiran tak ka soch kar
Kisiki jaan bimari le gayi
Toh Kisiki bhuk maari ne
Sachhe dil ke hona
Yahan pad jati hai logon pe bhari
Suraj toh roj ati hai
Nayi shuruwat ke umeed le kar
Lekin shuruwat toh tab hogi
Jab rahenge hm sab saath mil kar
Ek baar sahayata ki haath
badha ke to dekho
Dusron ke khushi me zara
shamil ho ke to dekho
Kisiki anshu se hansi tk ka safar
ban kr ke toh dekho
Sukun ki dusri pehlu se Zara
mil ke to dekho
Zindgi chahe chhoti ho ya badi
Ek baar zindgi jii ke toh dekho

-@blood_in_pen

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19 MAY 2021 AT 19:17

तो फिर तमन्ना किस बात की रहेगी
कुछ कहानी ,अधूरी ही अच्छी लगती है
यादों से भी पक्की होती है
और कुछ एहसास.. आंसू बनके भी निकलते है..

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19 MAY 2021 AT 19:04

दिमाग सुना नहीं चाहता
दिल मानना नही चाहता
बस अपनी ये पगली सी आंख
कुछ उटपटांग हरकतें कर लेती है...

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19 MAY 2021 AT 18:59

खुशी का क्या है!
किसी के साथ भी बांटा जा सकता है..
लेकिन दर्द की आंसू रोने के लिए,
किसी महफूज कंधे की जरूरत पड़ती है...

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19 MAY 2021 AT 18:49

किसके जिंदगी पर इतनी भी पाबंदी मत लगाओ कि
उनके जीने की तमन्ना खतम हो जाए...

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14 MAY 2021 AT 20:58

जैसे रेगिस्थान में बारिश
दिल धड़कते धड़कते थक जाता है
लेकिन पलक न झपती..

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