कुछ वक्त और ठहरना था,,
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थोड़ा ठहर जाते,
कुछ और वक़्त साथ बिताना था,,
सहारे गुज़री यादों के,
हमे यू तो नही रहना था,
अगर थोड़ा और ठहर जाते ,
हमने तुम्हे जाने ही नही देना था।-
उलझन में है,मेरे ख्यालों की कश्ती,
हर पल याद में बस ते... read more
ढूंढा है तुझे आसमा में इतना,,,
कि अब बादलों से भी मेरी पहचान हो गई है,,
तू नही है इस जहां में,,
मेरी रूह तक इससे रूबरू नही हुई है।।-
कि हर रात, कुछ यु तुझे ,
तलाशा करता हूँ,,
तू जमीं पर नही,,
इसलिए तारों में ढूंढा करता हूँ।।-
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मुझसे यु दूर होने से,
पहले ही बता देना,,
यु किसी और का होने से,
हमे खुद से अलग कर देना,,
अचानक से ही हमसे दूर जाकर,
हमे मारना मत,,
बुरी आदत हो जो हमारी तुम,
इसे छुड़वा जाना।।-
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बैठो हमारे रूबरू,,,
करनी है तुमसे थोड़ी गुफ्तगू,,
कुछ सुन्नी है तुम्हारी,
कुछ अपनी सुनानी है,,
बीते यादों की ये कहानी पुरानी है,,
काशः कुछ गुफ्तगू पहले ही कर ली होती,
यु बेवज़ह की दूरियां न झेली होती।।-
दुसरो के सामने गिड़गिड़ाना छोड़ दिया,,
अपने थे जो, उन्होंने जब मुँह मोड़ लिया,,
कुछ हालात ही वही थे, या शायद बना दिए गए,,
तबसे हम भी खुद में खुश रहना सीख गए।।-
शायद ,,
शायद उलझे हुए है मेरे ये अलफ़ाज़,,,
पर कुछ गहरे है,, मेरे ये जज़्बात,,
करो कोशिश दिल से पढ़ने की इन्हें,
यु आसानी से नही समझ आने वाली मेरी ये बात।।-
इतना खाली नही हूँ मैं,
फिर भी तेरे लिए हर वक़्त रहता हूँ,,
तेरी एक झलक पाने को,,
मैं घंटो सोता रहता हूँ।।।-
दबी दबी आवाज़ में,
रोज़ आँखें मैं, नम करती हूँ,,
कहना तो बहुत कुछ है शायद,
पर अल्फ़ाज़ों में बदल नही पाती हूँ,,
कुछ यु भटक रही हूँ, अपने ही सवालों का जवाब पाने के लिए,,
कि अब खुद से ज्यादा, आइने से बातें करती हूँ।।-