ज़िंदगी मे खौफ कुछ इस क़दर छाया है
गली में भैंसा दिख जाए तो लगता है
कि यमराज लेने आया हैं-
Traveler
Warrior
Mahadev Ka Bhakt
ज़िंदगी मे खौफ कुछ इस क़दर छाया है
गली में भैंसा दिख जाए तो लगता है
कि यमराज लेने आया हैं-
इस कदर रूठी है हमसे ज़िंदगी ऐ ग़ालिब
आज तो रोटी ने भी हमे देखकर मुँह फुला लिया-
उनका चेहरा देखकर आज कलम उठाई
जब उनकी आँखों मे देखा तो अल्फाज़
भूल गया ।।
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इक अरसा हो गया कलम उठाए
डर रहा हूं लिखने में
कही हाथ न कंपकपाय-
कलम ये मेरी तब से खामोश हैं
जब से तेरे लबो पर मेरा नाम नही आया-
तन्हा रास्तो पर निकल जाता हूं मै
कभी तो कुछ शख्श होंगे
जिनकी ज़ुबा पर हमारा ज़िक्र होगा-
I Never Plan Just Getup From Bed & Go
मज़ाक मज़ाक में 7 देश घूम लिया-
नही लिख सके दिल मे जो जज़्बात थे
ओर नहीं कह सके लबो पर जो बात थी
आपके सामने आते ही खामोश हो जाती हैं मेरी सांसे
जैसे बरसो से मुझे तेरी ही तलाश थी-
काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह
ओर मैं नज़रंदाज़ करू तुझे तेरी तरह-