22 DEC 2022 AT 22:46

की, कोई ज़्यादा बड़ी ख्वाहिश नहीं है अब मेरी,

वो कहते है ना की,
आखरी ख्वाहिश तो हर इंसान की होती है,
और कहीं न कहीं मां के लिए हर बेटे की एक ख्वाहिश जरूर होती है, जिसे वो हर रोज पूरी करने की चाह में जीता है।
मां के लिए कुछ एक ऐसा कर दे की मां गर्व से पूरे संसार में कहे की हां वो उसका लाल है।
तो तब मेरी आखरी ख्वाहिश में कुछ यूं बयां करता हूं।

की, कोई ज़्यादा बड़ी ख्वाहिश नहीं है अब मेरी,
बस,
दुनिया जीत कर, जश्न ममा के नाम करना चाहता हूं।

- BittuShreeDarshanik