It's been more than a year,
Sissey....!!
Just a day late...
Happy birthday again !!!
I wish to see you again &....
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Visioner
Motivator
Teacher
Writer
Poet
Supporter
See me on Instagram @bittushre... read more
दो भिखारी आपस में ही मांगे, किसका भला होय !?
एक से एक गरीब दोनों, दोनों में अफसोस होय !
प्रेम बांटन से बढ़े, मेहनत लाए धन,
पहला सिक्का कौन लगाए दोनों सोचे मन !-
वो नहीं मिला जो चाहिए, तो अब,
उसमें, कम से कम वो चाहिए,
जो उससे हर हाल में बेहतर हो।-
पिता...
स्वयं और संसार से ऊपर उठा हुआ एक ऐसा निश्चल एहसास है,
जो पहले अपनों और अपनी जिम्मेदारी का ख्याल करता है।
वह केवल संतान का ही नहीं, परिवार का पिता होता है, माता का भी !
इसका किसी व्यक्ति की उम्र और उसका बच्चे पैदा करने से कोई संबंध नहीं।
पिता बनना तो कदाचित सरल हो, हमेशा बने रहना, सदैव श्रीमान के योग्य है।-
जब मन करता है तो ज़रूरत नहीं होती!
अब ज़रूरत भी है तो मन नहीं करता।-
तेरा मेरी जिंदगी में आना बहुत जरूरी था,
और तेरा जाना, उससे भी ज्यादा जरूरी था।-
छूने दिया है,
अब माथे चढ़ने की ट्राय न करना।
बिट्टू को अपने माथे पर सिर्फ,
अपने बाल और मां का आशीर्वाद पसंद है।-
बेटीयों की नियति है,
समय आने पर वे स्वयं,
अपने मन से घर से दूर चली जाएगी।
बेटों की नियति है,
समय आने पर ना चाहते हुए भी,
उन्हें घर से दूर जाना पड़ता है।-
हर कोई यहां एहसास का सौदा कर रहा है।
मार्केट अच्छी मालूम पड़ रही है,
चलो इन एहसासों को ब्लैक में सप्लाई किया जाय।-
यह संसार इतना ढोंगी है,
यदि आप अपनी भावनात्मक चेतना को इतना ऊपर उठा ले,
की आप संसार के दिखावे के पीछे का छल पकड़ लो,
तो आप यह संसार छोड़ कर चले जाना चाहेंगे।
यदि हर कोई ऐसे संसार छोड़ने की सोचेगा तो,
यकीनन यह संसार का अस्तित्व न रहेगा।
केवल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए,
यह संसार,
आपकी चेतना और समझ को माया में उलझाता रहेगा।-