8 NOV 2022 AT 11:50

जिस देश और समाज की स्त्रियां धन और वैभव को महत्व देगी,
वहां के पुरुष भी केवल धन और वैभव के लिए दौड़ लगाएंगे।

तब आत्मसम्मान, प्रेम और संस्कारों की मृत्यु होने लगेगी,
जब यह होगा तब संस्कृति और समाज का पतन निश्चित होगा।

तब संस्कृति और समाज के पुनरुत्थान के लिए स्त्रीयों के चरित्र का पुनः निर्माण आवश्यक होगा।
तब समाज और संस्कृति के कल्याण हेतु स्त्रीयों पर पुन मर्यादा लगाना आवश्यक होगा।

यह कार्य असंभव की तरह दु:कर होगा।
जिसका एक मात्र उपाय संपूर्ण समाज का विनाश कर पुन: निर्माण होगा।

- बिट्टू श्री दार्शनिक