bittal pradeep   (Bittal)
1.4k Followers · 2.4k Following

read more
Joined 7 May 2018


read more
Joined 7 May 2018
14 MAR AT 20:26

प्रेम जो तू ना करना चाहे
तो भी प्रेम मेरा
तुझ ही से है प्रिये
बंधनो में तू ,जो ना बंधना चाहे
तो भी महफूज तेरा
प्रेम हमेशा रहेगा प्रिये
प्रेम की बेले भी गर
जकड़न लगे तुझे तो भी
प्रेम तो तुझ ही से रहेगा प्रिये
ना मिटे है, ना मिटेंगे
अहसास कभी
ज्यो के त्यों ही रहेंगे
तेरे लौट कर आने तक प्रिये
महसूस तू जो ना भी अगर
करना चाहे तो भी
अंत तक प्रेम मेरा
तुझ ही से रहेगा प्रिये

-


23 SEP 2023 AT 0:11

वो उस ओर था
जिस ओर मै ना थी
एक फ्रेम मे सज जाये
ऐसी मेरी मोहब्बत ना थी

मिज़ाज़ मिलता नहीं
कि मिलाना चाहता नहीं
मोहब्बत उसे भी थी
पर मुझसे नहीं थी

एक जाम उसके हाथो मे था
पर उसकी शामों का मै हिस्सा ना थी
तो क्या गम ए शिकस्तगी

उसकी रातो की मै हमराज ना सही
पर मेरी रातो का
उस के सिवा कोई और हक़दार नहीं

-


15 OCT 2022 AT 18:12

रूठ जाऊ गर तुमसे
तो तुम्हे कसम हैं...
मुझे मनाना नहीं....
गैर की बाहों में छोड़ा हैं तुम्हे
तुम्हे कसम हैं....
अब वापस आना नहीं

-


9 OCT 2022 AT 9:46

तेरे हर लफ्ज़ का इंतज़ार करू मैं
बेसब्री से....
जाने तुझे कब अहसास हो मेरी मोहब्बत का

-


26 SEP 2022 AT 23:01

अधूरा भी रह जाये प्रेम
तो भी डरना कैसा....
प्रेम करें तो....
राधा कृष्ण जैसा

-


21 SEP 2022 AT 14:37

मुझसे हुई गलति छल को प्रेम समझने की
ए वक़्त तू क्या क्या सिखा कर जाता हैं

-


19 SEP 2022 AT 17:06

अहसास खुद के बयां कर
हमारी अहमियत गज़लो में बढ़ाते रहे
कह के खुद को दीवाना हमारी मोहब्बत का
वो महफिलो में "वाह,वाही" लूटते रहे

-


18 SEP 2022 AT 13:58

पल पल तेरी यादो में उलझी रहती हूँ मैं
कितनी भी सहज सी लगू
तेरी यादो में खोयी रहती हूँ मैं
चाँद को जब भी देखु
उसमे तेरी छवि देखती रहती हूँ मैं
पानी सी निर्मल ताज़गी सी
अपने प्रेम को भी ताज़ा रखती हूँ मैं

-


3 SEP 2022 AT 18:26

तुझ से फक्क्त इतनी शिकायत हैं
मोहब्बत को मेरे तू ना समझ सका

-


24 AUG 2022 AT 15:47

चंद लम्हो में जिंदगी कुछ इस तरह गुजरी....
हवा के झोखो से शाख के टूटे पत्ते सी गुजरी

जिंदगी जब तक समझता तुझको
रेत सी फिसलके तू मेरे हाथो सी गुजरी

एक कतरा भी जिंदगी का मेरा राज़दार ना बन सका..
अपनी तो जिंदगी सरेआम गुजरी

रूहानियत की तलाश में मोहब्बत के मंजर में..
अपनी तो जिंदगी गुमनाम सी गुजरी

चार दिन की जिन्दगी में दो,तुझे मनाने में
तो दो,तेरे गम में गुजरी

-


Fetching bittal pradeep Quotes