तकता रहूं बस तुमको
हमें क्या इस दुनिया से,
हमें तो बस इश्क़ है करना
हम तुम्हें और तुम हमसे ।-
अक्सर तुम मुड़ मुड़ कर पीछे देख रहे थे
जब हमारे हाथ पकड़ साथ चल रहे थे
पूछने पर कभी कुछ न बताया आपने
हमें वजह पता था फिरभी साथ चल रहे थे।-
वो जानते थे तैरना नहीं आता हमें
सैयद तयारी करके आए थे हमें डुबाने की।-
मोहब्बत करने वाले जमाने की फिकर कहां करते हैं
जमीं पर रहते हुए भी चांद से प्यार करते हैं
कुछ इस तरह हैं मेरे देश के सिपाही
जो अपने दुश्मन की ख्वाबों में भी उसको वार करते हैं।-
एक अलग ही खुशबू है तुझमें, तू गुलाब है क्या ?
तुझे देखते ही सब कुछ भुला देता हूं, तू शराब है क्या ?-
हवा के रुख को तेरे खातिर मुड़ा तो नहीं सकता
हवा बन कर ख़ुद को तुझमें मिला तो सकता हूं ।
तेरे गमों को तेरे चहरे से हटा तो नहीं सकता
अपने आसुओं से तेरे दर्द को मिटा तो सकता हूं !-
कुर्बान उस पर दिलों जान कर दिया
बंजर ज़मीं को आसमान कर दिया,
ठहरो एक पल तो मैं बताऊँ
एक पत्थर को कैसे भगवान कर दिया।
-
लोग बदले या मैं बदल गया हूं
इसी सवाल में हर वक्त झुझता रहता हूं,
जो कभी न जाने वाले थे, छोड़ गए क्यों ?
एक यही सवाल खुद को पूछता रहता हूं।-
रोशनी में ढूंढोगे तो सब धुंधला ही नजर आएगा,
हमें चाहत और आदत सिर्फ अंधेरों की ही है।-
कभी किसी को अपना जिंदगी मत समझना,
क्यों के अक्सर दर्द वो ज्यादा देता है जो
आपके हर एक दर्द और परेशानी से
सबसे ज्यादा वाकिब हो।-