वक़्त के साथ बहे चलो
धूप हो या हो छाया
अपनी राह चले चलो
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Bus kuch ahsas hi h jo kagaj par utare h.......hakikat se alag ek duniya h j... read more
अब बस खामोश ही रहना है मुझ को
कहा कोई दर्द समझ पाता है किसी का बताने से
अब अपने हर दर्द को छुपा कर रखना है मुझ को
बहा कर आँसू भी देख लिए कुछ न हासिल हुआ
सोचा है अब सिर्फ और सिर्फ मुस्कुराना है मुझ को-
कह कर अलविदा तुम्हें अलविदा कर ना सके
न तेरे बिन जी सके तेरे बिन मर भी ना सके
कितने वादे कितनी बाते थी जब तुम साथ थे
आज हम वो सब तुम से ब्यान कर भी ना सके
गुजरता वक़्त सब्र करना भी सिखा कर जाता है
आज तू साथ था पर हम कोई सवाल कर ना सके
हर पल दिल को फ़िक्र सिर्फ तेरी सलामती की है
कभी भी हम तेरे लिए कोई बद्दुआ कर ना सके
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तू ही शुरुआत और तुम ही हो अंत मेरा
खूबसूरत सी मंज़िल हो मेरे सफ़र की
तुम ही हो सफ़र और तु हीं हैं रास्ता मेरा
आँखों ने जो देखा वो सुनहरा सपना हो
दिल में धड़कता हर अह्सास हो मेरा
ज़माने के दर्द का जो ना होने दे अह्सास
जेसे हर ज़ख़्म पर लगने वाला मरहम हो मेरा
तू ही हर खुशी तू ही जेसे हर दर्द है मेरा-
हर सुबह हर शाम करेगें
जिंदगी ना सही दुआओं में तो हो
सच मानों खुदा से तेरी ख़ुशी की
हर दिन ,हर पल फ़रियाद करेगें
साथ नहीं रह सकता माना तू मेरे
बस तू साथ है,ये अह्सास करेगें
मेरे होठों की मुस्कराहट तुम से है
अपनी हर खुशी हम भी तेरे नाम करेगें-
हर रिश्ता हर ज़ज्बात निभाने के लिए
जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए
जिंदगी तो बेईमानी से भी जी सकते है
मग़र ईमानदारी ज़रूरीहैअपने लिए,अपनी
नज़रों मे खुद को गिरने से बचाने के लिए
दुनियां छोड़ो ख़ुदा से नज़रे मिलाने के लिए
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झूठे ख्वाब मत दिखाओ
हक़ीक़त कठोर है माना
मगर झूठी तस्सली,झूठे वादे
झूठे अरमान , झूठी उम्मीदे
दिल में ना जगाओ
सामना करो हकीकत का
झूठे सपनें मत सजाओं-
हर दिन हर पल साथ ही रहीं
भूलना हमे आया ही नहीं कुछ कभी
सब बाते हमेशा दिल मे ताजा रहीं
ना जाने केसे वक़्त के साथ भुला कर
सब कुछ ,आगे बढ़ जाते हैं अक्सर लोग
हम तो आज भी वहीं इन्तजार में है
जहाँ मेरी ही जिन्दगी मेरे ही हाथों से
निकलती रहीं ,तू ना सही तेरी याद ही सही
हर सुबह हर शाम हर साँस मेरे साथ रहीं-
न जाने कब वो अपने से बेगाने बन गए
समझते रहे जो हमे बिन बोले भी कभी
आज हमे सुन कर भी अंजाने बन गए
कभी जो रह ना पाते थे एक पल भी देखे बिन
आज जेसे वो गुज़रे हुए जमाने बन गए
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कुछ तो रिश्ता था शायद तुमसे
ऐसे तो दिल में नहीं उतरता कोई
इस जन्म का या पिछले का
कुछ तो नाता था तुमसे
बेशक हम साथ तो नहीं है तुम्हारें
फ़िर भी साथ निभाना है तुमसे-