खामोश पड़े तालाब के पानी में, आज सैलाब आ गया।
लाख कोशिश की थी जिस इश्क को मुकद्दर करने की,
आज उसके देहसत से निकलने का पड़ाव आ गया।
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Broken heart...💔...
Andar se tuti... read more
तुझसे यह बढ़ते फासले,
मोहब्बत में डगमगाते हैं मेरे हौसले,
मगर फिर यह सोच के मैं चुप हो जाऊं..
तूफान में पड़ी नाओं को भी मिलता है किनारा,
सूरज ढलने के बाद आता है खूबसूरत सा नजारा,
गम ए मोहब्बत का यह सिलसिला कुछ वक्त यूं ही चलेगा,
हमारे बिच दूरियों की बौछार एक दिन जरूर अपना दम तोड़ेगा,-
"पहली मुलाकात"
आखिर उस दिन टूट गए सारे दूरियों की बेड़ियां,
जब हम मिले पहली दफा भूल के सारी पाबंदियां,
मेरे तरफ उसके बढ़ते कदम...
दिल को अलग ही राहत दे गए,
आंखों को भर के नूर से,
गमों के अश्क पोछ ले गए,
खामोशी से उसकी तेज निगाहें..
जब मुझ पर टिकी,
शर्म से भरी अदाओं से...
उस पल मेरी पलकें झुकी,
मानो रुक सा गया वक्त...
जब उसने मेरे हाथ को थामा,
मैं तब रूबरू हुई हकीकत से..
जब उसने मेरे माथे को चूमा,
पहली मुलाकात की झलक भी यूं बेअसर रह गई,
जब उसके दीदार की सुकून हमारे जुदाई के मलाल में छिप गई...-
मैं ने उसे वक्त मांगी थी ,
और वक्त ने मुझसे मांगी थी सफाई,
शायद किस्मत को भी मंजूर न थी ...
यह बेवक्त की मोहब्बत,
इस लिए बेशुमार चाहतों के बाद भी...
मुझे बिन मांगे मिल गई बेवफाई,-
आज लिखने बैठी जब तुम्हारे यादों को समेट कर...
न जाने क्यूं मेरी यह आंखें फिर से नम हो गई,
अफसोस तो बहुत हुई मुझे हमारे जुदाई को लेकर..
मगर देखकर तुम्हारी तस्वीर सारी दर्द कम हो गई,-
कभी हम भी किसी के हुक्म और पाबन्दियों में कैद थे,
लेकिन आज खुद के घर में ही कैदी बनकर बैठे हैं,
हम भी मुस्कुराया करते थे जानवरों को पिंजरे में देख कर,
आज खुद के मजबूरियों में ही घुटन से जी रहे हैं,
जब खुले थे मन्दिर मस्जिद के द्वार
तब जात के नाम पर दंगे किया करते थे,
आज देखने के लिए मन्दिर की आरती
और सुनने को मस्जिद के नमाज़ हम तरस रहे हैं,
कभी जो इन्सान खुद को मानते थे ख़ुदा के बराबर,
एक छोटे भाईरस को मिटाने के लिए सर पटक रहे हैं,
और किस बुनियाद पर शिकायत कर रहे हो उस रब से,
हम तो खुद के खोदे गड्ढे में खुद ही गिरे हैं,
...CORONA...-
हमें डूबा कर काले बादलों की घटा में...
वह हमारे जिंदगी में हसीन सुबह की उम्मीद रखते हैं,
जिन्हें अंदाजा है कि उनके बिना यह जिंदगी बेजान है,
अक्सर वही लोग हमें अकेला छोड़ जाते हैं,-
Wah kahte hain,
tumhare Saath hua hi kya hai..
Ek Baar ji kar Dekho dohri Zindagi
phir Hume bhi samajh jaoge,
Dil mein Anshu lekar chehere pe
jhuth ki muskan rakhna Sikh jaoge,
Aur yeh Jo kahte ho ki mohabbat mein rakha hi Kiya hai...
Kabhi iss k jhase mein ek bar padkar Dekho Apne har sawal Ka jabab Jan jaoge...
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मैं भिग चुकी हूं, ग़म की बरसात में..
अब मुझसे धूप की उम्मीद न रखो,
एक बार टूट चुकी हूं मोहब्बत में...
अब मुझसे किसी चाहत की उम्मीद न रखो,-
तेरे खातिर बैच दूं खुद को,
मैं मोहब्बत में इतनी भी लाचार नहीं,
और तेरे हबस की भूख मिटाना...
अगर मोहब्बत की इम्तहान है,
तो मुझे भी अपने अकेलेपन से इन्कार नहीं...
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