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आज और कल में
नीर और जल में
कितना फर्क होता है
धूप और छाव में
नासूर और घाव... read more
ऊ तो कबका मिल गया था😂😂
मेरा झुमका उठा के लाया yrr वे
जो गिरा था बरेली के बाजार में...
😂😂😂-
कुछ बोलता नहीं फिर भी सवाल करता है,
साहिबा का झुमका तो देखो बवाल करता है।।-
रह जाते हैं कुछ ख्वाब अधूरे जिन्दगी भर के लिए
अब रब से मांगी हर मुराद पूरी कहां होती है....!!-
यूं तो कह दिया कोई शख्स नहीं है ज़हन में मेरे
पर सुनों....आज भी तुम्हारी एक तस्वीर रखी है!!-
आखिर ये नियमों को बनाता कौन है?
क्या सही और क्या ग़लत बताता कौन है?
ये सही नहीं है,ये सही है, वो गलत है या ये गलत है
ये हमारे decide करने से पहले हमारे दिमाग में आता कहां से है?
समाज क्या कहेगा ये सोचकर कदम पीछे हट जाते हैं
आखिर ये समाज बनाता कौन है?
क्या सही और क्या ग़लत बताता कौन है?
हम खुद से खुद की जिन्दगी जी नहीं पातें
कोई हमें खुद के विचारों से जीना सिखाता क्यूं नहीं?
कुछ ख्वाहिशें,कुछ चुलबुली मस्ती तो कुछ मटरगस्ती लकीरों के बीच रह जाते हैं
सही और ग़लत के चक्कर में हम अपने को कहीं दराजों के पीछे छोड़ आते हैं
जो जिन्दगी हम जीते हैं सही और ग़लत की वो हमारी तो नहीं होती
फिर सबके साथ खुद को भी लेकर चलना हमें आता क्यूं नहीं?
कोई हमें खुद के विचारों के साथ जीना सिखाता क्यूं नहीं?
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कैद पंछी की तरह पिंजरे में कैद हूं अब मैं भी,
ये अपने यादों की गिरफ्त से रिहा कर दो ना!!-
आज
फिर दिल
में उठी दर्द
की कुछ लहरे हैं!
इश्क!
Hayee mai marjaavaan...
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