तुम्हे तो ना कह दिया पर कैसे कहुंना तुम्हारी यादों को? -
तुम्हे तो ना कह दिया पर कैसे कहुंना तुम्हारी यादों को?
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किसी ने जोड़ना चाहा मुझे...किसी ने घटाना चाहा मुझे...किसी ने बराबर करना चाहा मुझे...पर काश किसी ने यूं ही चाहा होता मुझे ... -
किसी ने जोड़ना चाहा मुझे...किसी ने घटाना चाहा मुझे...किसी ने बराबर करना चाहा मुझे...पर काश किसी ने यूं ही चाहा होता मुझे ...
जब यह याद नहीं कितुमने मुझे चुना या मैने तुम्हेफिर यह क्यों याद रखनातुमने मुझे छोड़ा या मैने तुम्हे... -
जब यह याद नहीं कितुमने मुझे चुना या मैने तुम्हेफिर यह क्यों याद रखनातुमने मुझे छोड़ा या मैने तुम्हे...
तुमने खामोश रहने की ठान रखी हैऔर मैने तुम्हारी खामोशी का जवाब ढूंढने की... -
तुमने खामोश रहने की ठान रखी हैऔर मैने तुम्हारी खामोशी का जवाब ढूंढने की...
तुमने खामोश रहने की ठान रखी हैऔर मैने तुम्हारी खामोशी पर सवाल न उठाने की ... -
तुमने खामोश रहने की ठान रखी हैऔर मैने तुम्हारी खामोशी पर सवाल न उठाने की ...
रिश्ते की परख इस बात पर नहीं कि प्रयास कितना लगता है रिश्ते निभाने मेबल्कि इस बात पर है कि यह प्रयास कितना प्रयासरहित लगता है। -
रिश्ते की परख इस बात पर नहीं कि प्रयास कितना लगता है रिश्ते निभाने मेबल्कि इस बात पर है कि यह प्रयास कितना प्रयासरहित लगता है।
तुम तो मेरी प्राथमिकता रहे हमेशाफिर मैं तुम्हारे लिए विकल्प क्यों? -
तुम तो मेरी प्राथमिकता रहे हमेशाफिर मैं तुम्हारे लिए विकल्प क्यों?
तुम्हे खोना मुझे गवारा नहीं,पर तुम्हे पाने की कोशिश में,खुद को खोना,यह भी कतई मुझे गवारा नहीं। -
तुम्हे खोना मुझे गवारा नहीं,पर तुम्हे पाने की कोशिश में,खुद को खोना,यह भी कतई मुझे गवारा नहीं।
तुम्हे पाने की चाहत कब रखी थी मैने?काश भींगो पाते तुम खुद को प्यार के इस अनोखे रंग में... -
तुम्हे पाने की चाहत कब रखी थी मैने?काश भींगो पाते तुम खुद को प्यार के इस अनोखे रंग में...
सफर के कदम भी अक्सर हैरान होते हैं,कभी कोई जान से अनजान बन जाता है,तो कभी कोई अनजान से बिल्कुल जान,शायद रिश्तों के भी दौर होते हैं। -
सफर के कदम भी अक्सर हैरान होते हैं,कभी कोई जान से अनजान बन जाता है,तो कभी कोई अनजान से बिल्कुल जान,शायद रिश्तों के भी दौर होते हैं।