नववर्ष नवजीवन लाए
हर घर सुख-समृद्धि भर लाए ।
नया वर्ष यह सकल सफल हो
विश्व शांति संग मंगलमय हो॥
(बिन्दिया)
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रौशन राह रहे सबकी
चिराग़ पुर नूर रहें
घर में महकती रहें ख़ुशियाँ
हर दिन दशहरे सा हो
हर पल दीवाली रहे
(बिन्दिया)
शुभ दीपावली !-
माँ तुम्हारे दिवस यह नौ
नवनिधि लेकर आएँ
धन-धान्य-भंडार भरें
चहूं ओर सुख छाए
कहीं रच रही राम की लीला
कोई गीत गरबे के गाये
सब भक्तों के जीवन में
नौ दिन नवरंग बरसाएँ
(बिन्दिया)-
इस बार चलो देश में कायम अमन करें
तिरंगे में लहराते उस शौर्य को नमन करें
जय हिन्द
(बिन्दिया)-
इन्द्रधनुष के रंग से गहरे
दोस्त हमारे सच से सुनहरे
(बिंदिया)-
चंद लम्हों में बदल जाते हैं
चेहरों के मुखौटे
इस ज़िन्दगी के मंच पर
किरदार बदलते हैं
(बिन्दिया)
विश्व रंगमंच दिवस
की हार्दिक बधाई !!-
रंग तब तक नहीं रंगते
जब तक हम उन्हें
दिल से ना अपनाये
उनकी रंगत
तबतक अधूरी रहती है
जब तक हमारा मान
उसमें ना मिल जाए
हम सभी को
एक सा रंगने वाली
होली की स्नेहिल
शुभकामनाएं
(बिन्दिया)-
तेरी आवाज़ गूंजती रही था नींद में मैं भरा
जहान जगा के ना जाने तू सो गया कैसे
सफ़र में छोड़ के जाना ना था तेरी फ़ितरत में
ना जाने राह में चलते तू खो गया कैसे
(©️बिन्दिया)-
कामयाबी की
छत तक पहुँचने को
सीढ़ी
बनाता कोई है
लगाता कोई
और
चढ़ता कोई और है
पर
उसकी स्थिरता
दो ही लोग जानते हैं
बाँस बेचने वाला
और गिरने वाला
(बिन्दिया)
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