Binata Mahapatra   (Binata mahapatra)
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Joined 27 January 2020


Joined 27 January 2020
7 MAR AT 10:45

ଦୁଃଖରେ ସମସ୍ତେ ଲୋଡ଼ନ୍ତି ରେ ଜାଗା
ସୁଖରେ ଯାଆନ୍ତି ଭୁଲି,
ଛାର ଏ ମଣିଷ ବୁଝେ ନାହିଁ କିଛି
ଧନ ବଳେ ଦେଖେଇ ହୁଏ ମୁଁ ବଡ଼ ବୋଲି।
ଜଗତର ବଡ଼ ଠାକୁର ତୁହି ରେ
ତୋ ବିନା ଗର୍ବି ଙ୍କୁ ସୁଧାରିବ କିଏ,
ନାମ ବହି ଅଛୁ ଗରବଭଞ୍ଜନ କଳୀୟଦଳନ
ସବୁରି ମନକୁ କରିଦେ ପବିତ୍ର ତୁଳସୀ ଟିଏ।

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27 AUG 2023 AT 22:13

"ଦୁଃଖ କହିବୁନି କାହାରି ଆଗରେ"
ଧନବଳ ନାହିଁ ଜନବଳ ନାହିଁ ଯଦିନାହିଁ ବାହୁ ବଳ
ବୃଥରେ କଳହ କରନାହିଁକେବେ ଅଦିନେଆସିବ କାଳ।
ଆଗକୁହା ଆଗଚଲା ହେବୁନାହିଁ ବାଟରେପଡ଼ିବୁ ଝୁଣ୍ଟି
ଅଜଣା ଲୋକଙ୍କୁ ବିଶ୍ୱାସକରନା ନିଜଲୋକ କାଟେତଣ୍ଟି।
ଆଖିରେଦେଖିବୁ କାନରେଶୁଣିବୁ କହିବୁନିପାଟି ଖୋଲି
ଅତି ଶିଆଣିଆ ହେବୁନାହିଁ କେବେ ଆଖିରେ ପଡ଼ିବଧୂଳି।
ଡେଙ୍ଗାମୁଣ୍ଡେ ଠେଙ୍ଗା ପାହରବାଜିବ ଆଗକୁଯିବୁନି ଜମା
ଗଣ୍ଡଗୋଳ ଠାରୁ ଦୂରରେରହିବୁ ନିରୀହକୁ ନାହିଁ କ୍ଷମା।
ହାତେମାପି ଏଠି ଚାଖଣ୍ଡେଚାଲିଲେ ତଥାପିବିପଦ ଆସେ
ନଇଁପଡ଼ିଲେ ତୁ ବିଧାଏମାରିବେ ବିଷଭରା ମିଠାଭାଷେ।
ଆଖିରେଦେଖିବି ବିଶ୍ୱାସହୁଏନା ସନ୍ଦେହ ଭରିଖରାପ
ଅତୀତକୁ ଭୁଲି ଧର୍ମପଥେଚାଲି ତୁଣ୍ଡେ ହରିନାମ ଜପ।
ଦୁଃଖକହିବୁନିକାହାରି ଆଗରେ ସମସ୍ତେସୁଖର ବନ୍ଧୁ
ଦୁଃଖବନ୍ଧୁଜଣେ ଜଗତରନାଥ ସିଏ ହିଁ କରୁଣା ସିନ୍ଧୁ।

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14 MAY 2023 AT 11:46

मुझे जन्म दे कर अपनी आंचलमें छुपाकर रखने वाली मेरी मां
हर बुरी नजर से मुझे बचाकर रखनेवाली मेरी मां
अपनी वृक्ष फुल और फल रूपी स्थन से मेरी पोषण करनेवाली मेरी मां
हर पल ममता की नदी बहाने वाली मेरी मां
मुझे जन्मदेने वाली और मुझे पालने वाली जन्मभूमि मेरी मां
दोनो मांओं को मेरी शत शत नमन 🙏

❤️मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं❤️

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19 MAY 2022 AT 22:58

जानवर भी इंसान की तकलीफ़ को समझ जाते हैं। लेकिन इंसान कभी इंसान की तकलीफ़ को समझ नही पाएगा क्यूं की इंसान सिर्फ़ और सिर्फ़ आज तक दूसरों को अपनी स्वार्थ का साधन केलिए ही इस्तेमाल करता आया है ।

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10 MAY 2022 AT 9:56

औरत को हर वक्त कम अक्ल का ताना देने वाले लोग उसकी जरासी अदा देखकर अपनी अक्ल खो बैठते हैं।

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10 MAY 2022 AT 9:52

रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को
वरना मतलब का रिश्ता रखने वाले की आंखों में न तो शर्म होती है न पानी।

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10 MAY 2022 AT 9:42

आज जिस्म जान है तो देखते नहीं है लोग जब रूह निकल जायेगी तो कफ़न हटा हटा कर देखेंगे लोग।

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10 MAY 2022 AT 9:38

गीता में लिखा गया है कि जव कोई तुम्हे सच्चे दिल से याद करेगा तव उस इंसान को आप भी अपने दिल और दिमाग से नहीं निकाल पाओगे।

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5 APR 2022 AT 5:28

कभी किसका विश्वास मत तोड़ना क्यू कि विश्वास के साथ साथ मनोवल भी टूट जतिहे।

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27 MAR 2022 AT 11:41

लिख दे मौत अगर तक़दीर में खुशियां नही । यहां हमारी किसीको जरूरत ही नहीं।कोई रहे या ना रहे किसीको फ़र्क पड़ता नहीं। यहां सच्चा प्यार कि कद्र कोई करता ही नहीं। जब कद्र करना सीख जाओगे तब ये प्यार रहेगा नहीं।लाख ढूंढने के बाद तुम क्या करोगे जब पता चले कि हम अब रहे ही नहीं।

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