मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
दुख ने दुख से बात की बिन चिठ्ठी बिन तार
छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार
आँखों भर आकाश है बाहों भर संसार

निदा फ़ाज़ली













- 𝐁. 𝐒. 𝐕𝐞𝐫𝐦𝐚