सुनो ना ,
आज ज़रा देर तक मेरे पास बैठे रहना ....
तुम कुछ मत बोलना ,
बस मैं जो कुछ भी बोलूं चुप चाप सुन लेना ।
तुम जानते हो ना मैं हमेशा सबकी सुनती हूँ ,
लेक़िन आज मैं चाहती हूँ कोई मुझे सुने ।
तो plz कुछ टाइम के लिए ही सही ,
मेरी बक़वास को झेल लेना ।
मैं बोलते बोलते रो भी पडूँ ना ,
तो उन आशुओं को बिना पोछे बहते देना ;
और अगर मैं रोते हुए , कांपते हुए चुप हो जाऊं ;
तो मुझे ज़रा कस के अपने सीने से लगा लेना ,
और तब तक मत छोड़ना ,जब तक
मैं अपनी दर्द भूल के तुम मैं ना समा जाऊं ।
बस कुछ भी करना ,
लेकिन कभी मुझे अकेला छोड़ के मत जाना ।— % &
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