मेरी मौत का कातिल किसे ठहराया जाएगामुझे मर के भी कहां चैन आएगाकुछ इतना आगे निकल आया हूंकि अब पीछे आएगा भी तो लौट जाएगारख अपनो से भी कुछ नजदिकियां "भुवन"हर वक़्त ये पैसा काम नहीं आएगा -
मेरी मौत का कातिल किसे ठहराया जाएगामुझे मर के भी कहां चैन आएगाकुछ इतना आगे निकल आया हूंकि अब पीछे आएगा भी तो लौट जाएगारख अपनो से भी कुछ नजदिकियां "भुवन"हर वक़्त ये पैसा काम नहीं आएगा
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जो मिल जाए मुझ को तुतो मिल जाए मुझ को मैं -
जो मिल जाए मुझ को तुतो मिल जाए मुझ को मैं
क्यों कोई दिन तुम्हारे बिन गुजारा होगातुम हो तो फिर किस बात का गवारा होगामैं आशिक नहीं आशिकों पे हंसने वाला हूंमुझे किसी के ग़म ने क्या मारा होगाहै इश्क़ का खेल बस तेरे जिस्म को चूमने तकफिर तु कहां दिल-ए-अज़ीज़ सा उसे प्यारा होगाजो जी ली वो उम्र बस इसी इंतज़ार में गुजरीजो बची है उम्र इस इंतज़ार के ग़म में गवारा होगाजो छोड़ गए तुम उस राह पे तुमने सोचाफिर किस ने उसे संवारा होगा -
क्यों कोई दिन तुम्हारे बिन गुजारा होगातुम हो तो फिर किस बात का गवारा होगामैं आशिक नहीं आशिकों पे हंसने वाला हूंमुझे किसी के ग़म ने क्या मारा होगाहै इश्क़ का खेल बस तेरे जिस्म को चूमने तकफिर तु कहां दिल-ए-अज़ीज़ सा उसे प्यारा होगाजो जी ली वो उम्र बस इसी इंतज़ार में गुजरीजो बची है उम्र इस इंतज़ार के ग़म में गवारा होगाजो छोड़ गए तुम उस राह पे तुमने सोचाफिर किस ने उसे संवारा होगा
उस एक ख़्वाब में मैं क्या कुछ ना थाएक तु नहीं है सोच कर मैंने सब कुछ भुला दिया -
उस एक ख़्वाब में मैं क्या कुछ ना थाएक तु नहीं है सोच कर मैंने सब कुछ भुला दिया
वो अब किसी और को चाहती हैमिला उससे, बात हुई यार वो सब ठीक हैबस वो अब किसी और को चाहती हैमिलके पुछेंगे कई सवाल तुझसे जो उससे पुछने थेउससे पुछता मगर वो अब किसी और को चाहती है रखी थी जुबां पर एक बात कब सेउसे बताता मगर वो अब किसी और को चाहती हैबात उसकी ख़ुशी की है इसमें "मैं" कहां अपनी खुशी भी इसी में की वो अब किसी और को चाहती है -
वो अब किसी और को चाहती हैमिला उससे, बात हुई यार वो सब ठीक हैबस वो अब किसी और को चाहती हैमिलके पुछेंगे कई सवाल तुझसे जो उससे पुछने थेउससे पुछता मगर वो अब किसी और को चाहती है रखी थी जुबां पर एक बात कब सेउसे बताता मगर वो अब किसी और को चाहती हैबात उसकी ख़ुशी की है इसमें "मैं" कहां अपनी खुशी भी इसी में की वो अब किसी और को चाहती है
इक तु ही है जिससे मिलके हम खुद से मिलेवर्ना किसी से हाथ, किसी से आंख, किसी से गले मिलेये मैंने कब कहा की सिर्फ मैं और मैं ही हूंमैं तो चाहता हूं कि तुझे मुझसे अच्छा मिलेजानता हूं और अच्छी तरह पहचानता भी हूंफिर भी जब भी मिले अजनबी ही मिलेमुझसे मिलने में अगर ये डर हैइसे अच्छा है हम न मिले -
इक तु ही है जिससे मिलके हम खुद से मिलेवर्ना किसी से हाथ, किसी से आंख, किसी से गले मिलेये मैंने कब कहा की सिर्फ मैं और मैं ही हूंमैं तो चाहता हूं कि तुझे मुझसे अच्छा मिलेजानता हूं और अच्छी तरह पहचानता भी हूंफिर भी जब भी मिले अजनबी ही मिलेमुझसे मिलने में अगर ये डर हैइसे अच्छा है हम न मिले
हिजाब में छुपाये है चेहराछुपाये अब्र है चाँद को जैसे -
हिजाब में छुपाये है चेहराछुपाये अब्र है चाँद को जैसे
हो गई है मोहब्बत, काफी तो नहीं हैऔर फिर ये पहली बारी भी तो नहीं हैतुम जिसे चाहो वो किसी और को चाहे, इसे अच्छा हैउसे पुछलो तुम्हें किसी और से मोहब्बत तो नहीं है -
हो गई है मोहब्बत, काफी तो नहीं हैऔर फिर ये पहली बारी भी तो नहीं हैतुम जिसे चाहो वो किसी और को चाहे, इसे अच्छा हैउसे पुछलो तुम्हें किसी और से मोहब्बत तो नहीं है
हमने तो करके देख ली सबसे मोहब्बत।अब तो मोहब्बत करने वाले चाहिए।। -
हमने तो करके देख ली सबसे मोहब्बत।अब तो मोहब्बत करने वाले चाहिए।।
एक शहर बसर करता था मुझ मैं।और अब मैं ही मैं रह गया हूँ मुझ मैं।एक शख़्स को चाहा था टूट कर ।और फिर टूट के बिखर रह गया मैं मुझ मैं। -
एक शहर बसर करता था मुझ मैं।और अब मैं ही मैं रह गया हूँ मुझ मैं।एक शख़्स को चाहा था टूट कर ।और फिर टूट के बिखर रह गया मैं मुझ मैं।