आपकी बाहों मैं मिलता हमको आराम है..आपके बारे में हम सोचते सुभह शाम है..आपसे मोहब्बत कुछ इस कदर है...खुद के नाम से पहले लेते आपका नाम है...
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Bhupender Mishra
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Strongly believe on pen and Tea
Engineering and writting simultaneously going on life time read more
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Joined 31 March 2018
24 OCT 2020 AT 23:19
3 JUL 2020 AT 21:43
कभी पड़ोसी भी घर का हिस्सा हुआ करते थे...
अब एक घर में ही न जाने कितने पड़ोसी है..-
16 JUN 2020 AT 20:25
कभी कभी खुद की..
बहुत याद आती है...
.....कितना खुश
रहा करता था मैं....-
9 JUN 2020 AT 16:22
ज़िन्दगी इतनी नीम का पेड़ हो गयी है,
की अब सपने भी कड़वे हो गए हैं....
इतने सपनो का गला घोटा है मैंने,
कि अब उम्मीदे मुर्दा हो गयी हैं
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2 JUN 2020 AT 0:12
दिलों का दर्द तो आज भी ताज़ा था,,
आज वहां दीवार है जहाँ दरवाजा था।।
इस कदर बह जाएगी मेरे जज्बात की कश्ती,,
इतना पानी को भी कहाँ अंदाज़ा था ।।
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