Bhumika Damor❤❤   (Bhumi)
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It's okay to express than to get depressed #keepwriting
Joined 16 March 2019


It's okay to express than to get depressed #keepwriting
Joined 16 March 2019
7 APR AT 23:46

एक बात ऐसी हैं कि अपनी कहानी का अंत जानता हूँ मैं ,

बात ये भी हैं कि उम्मीद छोड़ना नहीं चाहता हूँ मैं !!

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18 MAR AT 5:47

जब भी मेरी माँ की मुस्कुराहटें महक उठती हैं
लगता है मानो , जिंदगी मुस्कुरा उठी हैं !!

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18 MAR AT 5:31

मुरलीधर यूँ बसे हुए नयन में
मनो बदरा छाये हुए गगन में

प्रेम माधुरी जिनकी बसी हैं पवन में
उस ईश की भक्ति में मनमस्त मगन मैं
अपना जीवन बेमिसाल करती हूँ जगत में



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4 DEC 2023 AT 2:07

यूँ अयाँ न कर हर इक पर अपने अजाब ,
इक दिन ज़िन्दगी के इम्तिहानो का भी अंज़ाम आएगा !

मंजिल दिखती ही नहीं माना थकने लगा मुसाफिर
मगर सब्र रख इस सफ़र का भी इख्तिताम आएगा !

जाने कितनी रातें जगी ख्वाब पूरे करने को ,
सो जायेगी सुकून से इन आँखो को इतना आराम आएगा !

यूँ वक़्त ज़ाया ना कर बेहिसाब संवार खुद को ,
कि इन हौसलों की उड़ान का इनाम भी जरुर आएगा !

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4 DEC 2023 AT 1:18

रोना भूलाकर तबस्सुम से चेहरा सजाये रखती हूँ ,
यकीनन हर अँधेरी रात के बाद खुशनुमा सहर आती हैं !

मेरी कलम लिखती हैं हर बात कितनी गहराई से ,
तब जाकर तो मेरी गजल में बहर आती हैं !

मुझें पसंद हैं सबसे घुल-मिल कर रहना ,
क्या कहिये , अदावत तो ज़िंदगी में कहर लाती हैं !

मेरी शख्सियत में इंकलाब आया ही नहीं,
मेरा सुकून हैं गाँव, मगर ख़्वाहिशें मुझें शहर ले आती हैं !

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14 AUG 2023 AT 11:10

मैं देख आया हूँ ये शहर सारा ,
घर मुझें मेरा ही अच्छा लगा

शदीद धूप में सफर मुश्किल था ,
राह में खड़ा शज़र मुझें अच्छा लगा

यूँ तो मित्र हैं मेरे भी कई मगर ,
बिगड़ी में भी जो साथ रहा
मित्र मुझें वो अच्छा लगा

मिट्टी के खिलौने भी खोए तो रोया था ,
इन दिनों से बचपन मेरा मुझें अच्छा लगा

-भूमि








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21 MAR 2023 AT 0:27

If hope didn't exist
Success would feel like
Victory without passion

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21 MAR 2023 AT 0:18

कितना सुखद अनुभव था बचपन
चंचल सा मन , धूमिल सा तन
खिलौने , आँगन और नादान जीवन

वो पल में हँसते हुये भी रो देना
मिरे झील के दर्पण में खुद को खो देना

बच्चों की टोली , खेल का मैदान
परिंदो से बातें , वो खुला आसमान

पिता का स्नेह , माँ का आँचल
दादा - दादी का दुलार वो गाँव का अंचल

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20 MAR 2023 AT 23:58

तुम जो मीठी जुबां रखते हो
यकीनन मेरे जलने की खबर सुनकर
नमक जरुर लाओगे

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2 JAN 2022 AT 7:45

हवाओं ने रुख यूँ बेवजह नहीं मोड़ा होगा
जरुर जहर-ए-तरक्की लिये कोई जंगल तक गया होगा

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