Bhomitra Tyagi   (भोमित्र त्यागी)
708 Followers · 195 Following

शायद थे शायर हैं!
Joined 21 March 2020


शायद थे शायर हैं!
Joined 21 March 2020
14 NOV 2023 AT 16:11

ना किरदार होंगे ना खरीदार!
आप उदार होंगे तो महफिल बाजार लगेगी।

-


23 JAN 2022 AT 10:45

अज़ब है की इश्क़ मे वो इश्क़ समझ आये, ख़यालात बदले और फिर इश्क़ समझ आये!

-


21 MAR 2020 AT 18:18

कुछ लिखा तो आज़ाद हुआ
फिर उन पर शर्मसार हुआ
परखा समझा जमाने को
यहां तो इश्क़ भी है छुपाने को,

कहीं सोची सुनी कहानी है
कहीं अभी ये सोच पुरानी है
है इश्क़ तो कबूल कर
अभी लड़ना भी है,
तो गुरूर कर!

चल हर उन सख्स की एक कहानी बन
चल सबकी एक जुबानी बन,
क्यूं ये लम्स तेरे बदनाम रहें
क्यूं इस सम्त से सब अंजान रहें

ये पाप-पुण्य का कर्म नहीं
और इस सोच का कोई धर्म नहीं !

तू जोर लगा अधिकार जता
भेद भाव का मूल्य दिखा,
तू जोर लगा चुनौती दे
अब उन नज़रों की आहुति दे

बहुत हुआ अब क्या डरना
अब खुद से खुद की लड़ाई है
अब बहुत हुआ सबकी मर्ज़ी का
अब कुछ शर्तें मैने बनाई हैं।

-


9 OCT 2021 AT 11:48

एक सफर होगा कुछ बातें होंगी,
नये मुसाफिर होंगे पुरानी यादें होंगी!

-


23 MAY 2021 AT 17:01

लिखने के एहसास भी हज़ार होते हैं,
कुछ अपने तो कुछ व्यापार होते हैं
कहते हैं की जिंदगी के किरदार हजारों हैं,
पर हर किरदार के अपने ही अल्फ़ाज़ होते हैं
कहते हैं की शायर के हज़ार अल्फ़ाज़ होते हैं!

-


13 SEP 2020 AT 16:46

मेरे खत में बेवफ़ा भी अफवाह हो गया
और उसके हर बोल का कोई ना कोई गवाह हो गया।

-


4 SEP 2020 AT 15:59

है इल्तिजा-ए-किस्मत की जहां देखे, अब मकां देखे तो सिर्फ वहां देखे,
हों रूबरू तो इश्क़ की कहानी हो अब चाह है कि अपने आशियां की वो निशानी हो,
जो देखें तो अब सारा जहां देखे पर ठिखाना तो अब सिर्फ वां देखें
है इल्तिजा की अपना मकां देखें
है इल्तिजा की अब वो जहां देखे!

-


1 SEP 2020 AT 16:16

खिलाफत रही नहीं ऐसी ,ये उल्फत जो साथ थी
अब ज़िन्दगी रही नहीं ऐसी की बस जीने की बात थी।

-


26 AUG 2020 AT 16:02

चल कुछ काश करते हैं
वो जो हो ना सका, जिसका ही मलाल था
चल वो राज़ करते हैं,
चल कुछ खास करते हैं
चल कुछ काश करते हैं।

-


23 AUG 2020 AT 16:05

कहानी अब खड़ी दौराहे पर थी
मुकम्मल था राही , और गहराई भी थी
नज़ाकत थी , नज़्में थी अश्कों के गैर में
पर नदामत तो देखो छुपाई ना थी,
शायद ये कहानी आजमाई ना थी
तो कहानी अब खड़ी दौराहे पर थी
तो कहानी अब खड़ी दौराहे पर थी

-


Fetching Bhomitra Tyagi Quotes