जो मोहोब्बत की है,तो जुदाई के गम में रहना पड़ता है...,
जो चाहत गुलाब की है, तो फिर काटों का चुभना भी सहना पड़ता है।— % &-
काफिला अल्फाजों का सजा रखा है..
सिर्फ तेरी यादों का सिलसिला बना रहे,
इसलिए दुश्मनों को भी गले से लगा रखा है।-
कभी कभी कुछ लंबे यूं खास हो जाते है,
ना चाहते हुए भी रास आ जाते है।
जो खयालों में भी ना सोचा हो कभी..
वो हकीकत में रुबरु हो आते है।
इन लम्हों को क्यू ना ऐसे ही जिया करे..
आखिर क्यू ना यूं हर बार ये खता करे।
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यूं हर बार पश्चाताप करना जरूरी है क्या?
वहीं गलती बार बार जानबूझकर दोहराना जरूरी है क्या?
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जब जिंदगी में कुछ ना प्यारा लगे तो क्या किया जाए?
कोई भी रास्ता हमारा ना लगे तो क्या किया जाए?
जिंदगी जो जी रहे हैं इस कदर हम अपनी, खुदा का बनाया वो रिश्ता अपना सा ना लगे तो आखिर क्या किया जाए?
दस्तक जो जीते जी;मौत सा लगे, वो कहा एक लब्ज़ उनका, तो बोलो फिर किस उम्मीद पर और आखिर क्यू जिया जाए?-
वह वक्त और था जब तुझे गले लगाकर रोए थे;
अब सिर्फ हंसते रहेंगे जो मायने नहीं है तेरे नजरों में।-
सब कुछ समेट लिया है;पर कुछ तो छूटा छूटा सा है...
छोड़ आए है हम वो इलाका, पर कुछ तो रुका रूका सा है...
कुछ पल ले आए है साथ में उठाकर अपने,ताकि याद आए तो खोल कर देख सके...
पर वो समय अभी भी कहीं तो ठहरा ठहरा सा हैं।-
आज फिर हमारी गली में रात नहीं हुई..,
दस्तक दी तो थी हमने,मगर मुलाकात नहीं हुई...
जो अरसो बाद दस्तक पर नजर पड़ी है उनकी..,
बाते तो बहुत हैं,मगर करने के लिए कोई बात ही नही रही।-
बिना बादल गरजे बरसात होती रहे,
अंधेरा हुए बिना रात होती रहे,
चाहे सूरज निकले और सवेरा ना हो;मेरा कुछ नहीं जाता..
जख्मी दिल वालो की हसीं सबसे खूबसूरत होती है;ऐसा कहना पड़ता है,
वरना जख्मी दिल इंसान कभी खुलकर हस नही पाता।-
कैसे कह दूं; उसने उम्र नहीं बिताई साथ मेरे..?
एक पल मे जो सदियां बिताई है,
उन्हें भूल जाऊ क्या...?-