Bhawana Tomar  
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Joined 31 December 2019


Joined 31 December 2019
10 JUN AT 12:37

जीती रहो तुम
अभी बहुत बड़े-बड़े काम है तुम्हें करने
हमेशा बहते रहें
तुम्हारे जीवन में खुशियों के झरने

ना होना कभी उदास तुम और
रोने धोने की ना करना कभी भूल
भगवान करे तुम्हारे जीवन में
खिले रहे हमेशा खुशियों के फूल

ना कभी उगने देना अपने मन में
ना उम्मीदी की घास
हमेशा जगाए रखना अपने मन में
बहती नदी सी आस

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10 JUN AT 12:29

सो साल जियो तुम मेरी प्यारी बर्थडे गर्ल
मिल जाएं तुम्हें खुशियों के ढेर सारे पर्ल
🎂🎂❤️❤️🥳🥳💐💐

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24 APR AT 19:50

चली गयी माँ तू इस दुनिया से
बिना कुछ बोले
दहाड़े मार मार कर रो रहे हैं
वो ऊन के गोले
जिनसे तू मेरा स्वेटर बनाती थी
सलाइयों में बुन कर मुझे प्यार पहनाती थी
घर भी सिसक रहा है आज
दुबक कर एक कोने में
ऐसा महसूस होता है
है मशगूल सारी कायनात रोने में
अपने हाथों में सहेज कर रखा जो तूने
छोड़ गयी आज वो परिवार
ऐसे खड़ी रह गई मैं तो
जैसे गला काट गई मेरा तलवार की धार
अब तो जीवन लगेगा ऐसा
जैसे कोई पथरीला पहाड़ चढ़ना
ठहर गया है वक़्त भी उसी पल में
जम गए कदम,कैसे होगा आगे बढ़ना
माँ तू लौट कर आजा
तेरे बिना जिया नहीं जाता है
बह न जाए कहीं इसमें ये दुनिया
आँखों में मेरी ये जो समंदर भर आता है
भावना तोमर

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24 APR AT 19:43

माँ का आँचल छूट जाना मानो जीते जी मर जाना
कुछ भी कर लें हम चाहे नहीं भर पाएगा ये हरजाना
माना कि अब मुमकिन नहीं माँ के आँचल में सोना
दुनिया से दुखी होने पर माँ के सीने से लग कर रोना
दूर हो भले ही मुझ से फ़िर भी माँ मेरे दिल में रहेगी
कभी बनेगी होठों की मुस्कान कभी आँसू बन आँखों से बहेगी

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3 JAN AT 11:49

साथ निभाने की कसमें तोड़ी तुमने
ये देख कर ज़िंदगी भी हैरान है
रंग दिया ख़ुद को तुम्हारे ही रंग में
भूल गई कि मेरी भी कोई पहचान है
हालत मेरे दिल की क्या हो गई है
इस बात से ज़ालिम क्यों अनजान है
सांसे भी मेरी बस अब बंद होने को हैं
क्यों नहीं तुम्हें इस बात का भान है

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3 JAN AT 11:38

मुश्किलें तो आती हैं जीवन में
आसान तो कुछ भी नहीं होता
इसका मतलब ये तो नहीं कि
रहेगा तू सदा किस्मत पे रोता
आएंगे मोती भी कभी हाथ में
लगाता रह तू सागर में गोता

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9 NOV 2024 AT 10:52

निकल जाऊंगी 
किसी दिन मैं
एकांत की यात्रा पर 
फ़िर तुम मेरा 
मत खींचना हाथ....
अब तो तुम्हें 
नहीं चाहिए साथ...
दुत्कार तुम्हारी 
कब तक सहूंगी...
तुमसे तो मैं
कुछ नहीं कहूंगी...
पर इतना सह के
मै इंसान न रहूंगी...




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19 OCT 2024 AT 20:34

जो हौसला बुलंद रखते हैं
उड़ान आती है उनके हिस्से में
जो हौसलों के पंख रखते हैं

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26 SEP 2024 AT 17:40

मुसाफ़िर हैं हम
और ज़िंदगी एक सफ़र 
कब कौन सा पड़ाव आए
हमको क्या ख़बर

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26 SEP 2024 AT 17:22

सफ़र है जिंदगी
और हम हैं मुसाफ़िर
आज बिछड़ गए तो
मिलेंगे कभी फ़िर

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