आप जितना अत्याचार करेंगे, समय के अनुसार, उतना ही आपको वापस मिलेगा… यही नियति है।
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रूठना-मनाना तो उनसे होता है जो अपने होते हैं,
ग़ैरों से क्या रूठना और क्या मनाना।
जब तक आप अपने लगते हैं, तब तक अच्छा-बुरा लगता है,
जब आप पराये हो जाते हैं तब कुछ नहीं लगता,
सब शान्त और सहज… बस शान्त…
कोई सैलाब नहीं… कोई तूफ़ान नहीं…
कोई शब्द नहीं, कोई उम्मीद नहीं…
कोई हैरानी नहीं… बस शान्ति…
और ज़िम्मेदारी निभाने की मजबूरी…
बस और कुछ नहीं रहता… सिर्फ मजबूरी…-
रूठना-मनाना तो उनसे होता है, जो अपने होते हैं,
ग़ैरों से क्या शिकवा, क्या मनाना..
जब तक अपने लगते हैं, तो हर बात दिल को छू जाती है,
और जब पराये हो जाते हैं, तो कुछ भी असर नहीं करता।
फिर रह जाती है बस शांति… न कोई सैलाब, न कोई तूफ़ान,
न शब्द, न उम्मीद, न हैरानी—
सिर्फ़ एक ठंडी खामोशी…
और उस खामोशी के नीचे,
बस ज़िम्मेदारियों को निभाने की मजबूरी…
ना चाह कर भी निभाना…
ना रोक कर भी रुकना…
यही आख़िरी सच रह जाता है।**
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“अपनों का अपना तो हर कोई होता है,
इसमें क्या ख़ास बात कि अपनों को सहारा दे।
अलग तो वो है जो ग़ैरों के साथ अपना बने,
इसमें है ख़ास बात कि ग़ैरों को सहारा दे।”-
बड़ी बातें करना सबके बस की बात है,
दूसरों को छोटा समझना सबके बस की बात है,
अपनी गलती छिपाना सबके बस की बात है,
अंदर ही अंदर मुस्कुराना सबके बस की बात है,
किसी को ग़लत ठहराना सबके बस की बात है,
टालमटोल करना सबके बस की बात है,
बातों को घुमाना सबके बस की बात है,
कान में फुसफुसाना सबके बस की बात है,
अपनी बातें मनवाना सबके बस की बात है,
अपनों को सही ठहराना सबके बस की बात है,
हाँ पर
ख़ुद को पहचानना सबके बस की बात नहीं,
अपनी गलती बताना सबके बस की बात नहीं,
बातों को नज़रअंदाज़ करना सबके बस की बात नहीं,
रिश्तों को बचाना सबके बस की बात नहीं,
सर झुकाकर माफ़ी माँगना सबके बस की बात नहीं,
दूसरों को अपना बनाना सबके बस की बात नहीं,
नाइंसाफी झेलना सबके बस की बात नहीं,
ग़लत को ग़लत ठहराना सबके बस की बात नहीं,
सब नज़रियों से सोचना सबके बस की बात नहीं,
और
इन सब के बाद, ख़ुद को ज़िंदा रखना सबके बस की बात नहीं..**-
“If you have low feeling and intentions for someone, then it does not matter whether you speak them or not, you should not be sorry for expressing your true intentions.”
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“Trying to write and delivering your work with same zeal as writing itself is actually where creativity lies.”
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“यदि आप अच्छाई ढूंढेंगे तो लाख मिलेगी और यदि बुराई ढूंढेंगे तो लाख मिलेगी , चुनाव आपका है की स्वयं को खुश रखना है या दुखी ! “
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“You can be either best or worst version of yourself, so whatever you choose, just be the best.”
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