पापा,
गलती हो मुझसे तो सजा मत देना,
दूर जाऊ आपसे तो भूला मत देना।
जिन आँखो का तारा कहते थे मुझे,
उन आँखो से कभी मुझे ओझल ना होने देना।
जिन पलकों पे बिठाए रखा मुझे,
उन पलकों को निराशा की बोझ से झुकने ना देना।
पापा,
दूर जाऊ आपसे तो भूला मत देना।
दिल का टुकड़ा कहते हो,
तो इस दिल मे भरे प्यार को अपने अंदर दबा मत देना|
राह नई चुनी है, गिरू जब सम्भाल लेना।
बचपन से नाजो से पाला है,
टूटी जब जब मैं, तब तब आपने मुझे संभाला है|
पापा,
आज फिर अंधेरों से घिरी हूँ मै,
मुझे रौशनी दिखाओ ना।
दिल घबरा रहा है,
अपनी बातों से इसे फुसलाओ ना।
बहुत उलझी हूँ मै,
जरा आके मेरे बालों को सहलाते हुए,
मेरी परेशानियों को सुलझाओ ना।
पापा,
गलती हो मुझसे, तो माफ कर देना।
दूर जाऊ जो आपसे एक बार गले से लगा लेना ,
पर, कभी खुद से दूर न जाने देना ।।
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