हँसता हुआ चेहरा आज यूं सहम सा गया ऐ बारिश तेरे यूँ बेमौसम आ जाने से खिलता हुआ चेहरा सहम गया क्यों खुशी के पल झीन जाते हैं उस किसान के? जिसने फसल बोकर कड़ी मेहनत कर फल का इंतज़ार किया हो? जिसने कड़ी मेहनत कर पसीना बहाया हो। सोचा था उसने भी दीवाली पर खूब मिलकर दीये जलाएंगे, हाथों में फुलझड़ी लेकर पूरे मोहल्ले में घुमाएंगे
यकीं मानो जो तुमसे सच्ची मोहब्बत करता है न वो चाहे तुमसे sorry बुलवा ले लेकिन किसी के सामने आपके सर को झुकने नही देगा फिर चाहे गलती आपकी ही क्यों न हो?
ज्यादा ख्वाईशें नही है मेरी लेकिन मैं अगर दिनभर काम करते-करते थक जाऊं तो क्या.....? दो पल मेरे साथ बैठकर मुझसे मेरे दिनभर के बारे में प्यार से पूछेगा क्या ? .....की कैसा गया मेरा आज का दिन .....आधी थकान वैसे ही मिट जाएगी