बोहोत शहर ढूंढे कईं बस्तियां छान आया
इंसान मुझे कहीं नहीं मिला
हर जगह बस जानवर नजर आया-
Bhavna Malviya
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Manzil milti nahi or safar thamta nahi........✍️
Joined 25 May 2019
5 JUN 2020 AT 15:59
1 JUN 2020 AT 18:07
कुछ होंसला लिए
हम आसमां पे चढ़े थे
क्यूंकि सपने हमेशा हमारी
औकात से बड़े थे
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22 MAY 2020 AT 16:25
कुछ बोझ तो वो रास्ता भी उठा रहा है
मुसाफिर यूं ही नहीं अपनी मंज़िल तक जा रहा है-
20 MAY 2020 AT 15:31
सब्र ने कुछ यूं तालीम दी मुझे
के ना तो नजरो में
ओर ना ही क़दमों में गिरने दिया
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18 MAY 2020 AT 14:46
वो किस्से है मेरे बुढ़ापे के
वो मेरी जवानी की सौगात है
कुछ खत है मेरी मोहब्बत के
तो कुछ दिल के बोहोत पास है
मेरा हर दोस्त बोहोत खास है-
17 MAY 2020 AT 17:29
वो तपती धूप में भी चलती है मेरे साथ
बस अंधेरे में वो साया भी कहीं छुप सा जाता है-
16 MAY 2020 AT 14:14
जरूरत नहीं किसी अनजाने की
सुकून और खुशी अब मैंने खुद में
ढूंढ ली है
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13 MAY 2020 AT 13:46
दिल में एक अग्ग रखो
अपने अंदर जुनून जगाओ
होगी पार कश्ती भी तुम्हारी
बस जवानी की भीड़ से हट कर
अपने अंदर एक ज़माना बनाओ-