थोड़े दिनों का बसेरा है... जो मिला यहां उसे जी भर कर जीना है... जो अपना लगे उसे गले से लगाना है... जो गैर लगे उसे दुआ दे कर जाना है!
ए रे! जिंदगी तेरे दिए हर लम्हे को खुल कर जी कर जाना है... सब तेरा है तुझी को दे कर जाना है... तेरे दिए हर लम्हे को जी भर कर जी कर जाना है!
खाली थे हाथ मेरे खाली ही कर के जाना है... हर लम्हे को तेरे खुल कर यहां जी कर जाना है... कैद में ना था मैं कभी ; न ही पिंजरे से थी कभी पहचान मेरी , आज़ादी है उड़ान मेरी... चिड़ियां जैसे एक दिन उड़ जाना है !!!