Haqiqat itni si hi hai , ise pehchan kar Chalo
Bus tum hi ho tumhare , ise man kar chalo-
Reader
Learner
बिताये है मैंने ज़िन्दगी के कई साल तेरे बगैर
तेरे साथ हर पल में अब मुझे एक ज़िन्दगी जीनी है-
उसके बिना दिन दिन नहीं लगता
उसके बिना रात रात नहीं लगती
करते रहते है हम घंटो बातें
ओर किसी की बातें अब कोई बात नहीं लगती-
की मैं हर वक़्त समझने की कोशिश में हु उसे
वो शक्श जिसके पास मेरे लिए वक़्त ही नहीं-
की सब जीते भी है बहुत , बहुत हारे भी है
सब तनहा भी है यहाँ , सबके सहारे भी है
और याद रखना तू ये अपने बुरे दिनों में
कि ये समुन्दर बड़ा तो बहुत है , पर इसके किनारे भी है
-
वो कभी अंत नहीं होता बस एक मोड़ होता है
जिसे दूर से देखकर कई लोग वापस मुड जाते है-
उसे छोड़ देना समुन्दर मे किसी पथ्थर को फेक देने जितना आसान था
और उसे भूला पाना समुन्दर में उसी पथ्थर को फिरसे ढूंढने जितना मुश्किल-
की सोच दौड़ने की चल रही है दिमाग में , पर मैं चल भी नही रहा हु
ये वक़्त बड़ी तेज़ी से गुज़र रहा है, और मैं बदल भी नहीं रहा हु-
सबकी नज़रे सबके नज़राने अलग होते है
सबका वक़्त सबके ज़माने अलग होते है
बेहतर बनना है मुझे , तो अपनी नज़र में बस
क्युकी यहाँ हर शक्श के पैमाने अलग होते है-