सब खोकर भी क्या पाया मैंने,....?
तेरी वेरुखी...🙃🙃-
क्या लिखूँ उस फौलादी ताकत कि दासता
जो आज देशभक्ति का असली मतलब सिखा गये..🙏🏻🙏🏻-
वो दोस्ती, वो प्यार, वो हँसी-मजाक खो गया कहीं बदलो के पार...!!
आ गया अंधेरो का संसार; पार करना हैं जिसे सबको एक बार...!!
ना वो हसीं दिखाती हैं ,ना वो प्यार ,
ना वो झगड़ना, ना वो रूठना-मनाना
अब तो दिखता हैं, सिर्फ competition का जमाना...!!
काश हम अभी बच्चे होते ..,
वही स्कूल जाना ,लड़ लड़ के थक जाना
वही class कि मस्ती होती; होते सबके बिगड़े नाम, वही होती दुःख मे दोस्तों कि हिस्सेदारी फिर से होता वही दोस्तों का प्यार , 2 टॉफी में 3का खाना फिर जोर-जोर से चिल्लाना मेरा तूने खाया..मैंने तेरा खाया ...!! ❣️❣️
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समंदर का किनारा कहा मिलता हैँ
तुम सा तुम्हें कोई चाहे ऐसा कहा कोई मिलता हैं
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तुम्हें पाकर भी खोया हैं
तुम्हें खो कर कभी पाया ही नहीं....😐-
बदलो के पार उन तारों में......
मैंने अपनी मन्नू को टिमटिमाते देखा हैं।।।
मुझे "काबिल" कह......
मैंने अपने मन्नू को खिलखिलाते देखता हैं।।।
तारों में रह के .......
मैंने अपने मन्नू को जगमगाते देखा हैं।।
💔💔
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बुरा लगना तो लाजमी था
तूने मेरे हिस्से कि ज़मी किसी और के नाम जो कर दी
बुरा लगना तो लाजमी था
तूने मेरा हाथ छोड़ कर बेरुखी का हाथ जो थाम लिया
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क्यूँ इतना टूट गई मैं
तुझसे दूर होकर क्युं खुद से दूर हो गई मैं
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