शिव ही शिव है, जहां भी देखो,
बस आंख बंद करो और भोले को देखो!
जीवन में अंधकार है, तो घबराते क्यों हो,
ओमकार का नाम लो, ब्रह्माण्ड को देखो!-
जब भी फुर्सत मिले यूही आहे भरना !
तुम अपनी कला को सामर्थ्य समझते हों और दूसरो की कला को व्यर्थ, यही तुम्हारा अहम दर्शाता है!
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ज़ख्म को जितना चाहे खरोदा जाए,
उसमे और नमक मिर्च लगाया जाए,
वो दर्द फिर भी कम हो तो एक बेटी को अपने बाप के बारे में सुनाया जाए!-
जान का खतरा हो सकता हैं,
सावधान रहिए, आप इश्क़ में हैं जनाब,
आपको हर रोज़ मरना पड़ सकता हैं!-
प्रतिक्षा का परिणाम क्या होगा?
प्रेम में मूल्यांकन क्या होगा?
तुम चलने-दौड़ने में प्रबल हो,
क्षणभर रुक गए तो क्या होगा?
संतुलन और असंतुलन क्या है ?
नैन से बहे काजल तो क्या होगा?-
तुम अपनी तकलीफों की पोटली दिल से निकालकर सर पर रख लो,
क्या पता उसका बोझ हलका हो जाए!-
આળસ ખંખેરી તું ઊભો થા,
કિનારે આવ્યું કોઈ તરસ લઈને,
તું દરિયો થઈને ઊભો થા,
આસપાસ હવાનું નહીં કોઈ નામો નિશાન,
તું હવે પાંખો લઈને ઊભો થા,
દુઃખ, દર્દ, નિરાશા નેવે મૂકીને,
તું સાહસ લઈને ઊભો થા!
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घबराए हुए लोग डरपोक होते है,
वास्तव में वही सबसे खतरनाक होते है!-