झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गएऔर मैं था कि सच बोलता रह गया~वसीम बरेलवी - Dhaaga
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गएऔर मैं था कि सच बोलता रह गया~वसीम बरेलवी
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