अपने हिस्से के कोई दो , चार हफ्ते
मेरे साथ गुजार कोई दो, चार हफ्ते
हा ये सच हे तेरे बगैर भी में जिंदा रह सकता हु
मगर बस यही कोई दो, चार हफ्ते-
हमे सलामत रखने की जिम्मेदारी उस भगवान की है
तू बस अपना काम कर
हमारा ... read more
तू मेरे छाते का हमसफ़र बन जा,,,
ये बारिश मुझे हर रोज भीगती है,,,,-
हजारो बड़े से बड़े होटलों में खाना खाया.....,,
माँ तुम्हारे हाथों जैसे स्वाद कहि नही पाया...-
आपकी कामयाबी पर जलने वाले,,
आपके अपने ही होंगे,,,
गेरो को तो हमने अक्सर
भीड़ में तालि बजाते देखा है-
तास के पत्तों की तरह जिंदगी खेल रही है हमसे
बादशाह हमे बना कर,,
हुकूमत उन्हें दे गई-
खबर न थी कब दीया बुझ जायेगा,
दुश्मन की गोली से बेटा शहीद हो जायेगा,
एक एक कतरा खून का देश के लिए बहाया है,
मोत को भी हस्ते हस्ते उसने गले लगाया है,
हो गया शहीद अब वो लोट के न आएगा,
मरते दम तक गोलिया चली वो कैसे कोई भूल पायेगा,
साँसे थम गई अब दम भरा जाये न,
ऐ मेरे वतन के साथियों देखने
कोई भी देश का दुश्मन बच के जाए न...
....जय हिंद जय भरत.....
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खामोशी,,,,
अक्सर बहुत कुछ कह गयी...
मुस्कुराहट,,,,
ना जाने क्या-क्या सह गयी.....-