कहीं बेहतर है खुले आसमान तले एकाकी जीवनकिसी के दोगले व्यवहार से, जो भीड़ में मिलता हो - बेहदलेखनी (भवानी देपावत)
कहीं बेहतर है खुले आसमान तले एकाकी जीवनकिसी के दोगले व्यवहार से, जो भीड़ में मिलता हो
- बेहदलेखनी (भवानी देपावत)