लहरों का शोर नहीं, तुम सागर का शान्त सुनो,
कुछ बड़ा करना है जीवन में
तुमको तो तुम एकान्त चुनो ! यूं ही आसान नही होता मंजिल का मिल जाना,
मंजिल को पाने के खातिर अपना एक सिद्धान्त चुनो !
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मैं चाहता हूँ खुद से मुलाक़ात हो मगर,
आईने मेरे कद के बराबर नहीं मिले..!!-
लफ्ज़-ए-तस्सली तो... एक तक्कलुफ है साहब...
वरना जिसका दर्द...उसी का दर्द...बाक़ी सबके लिए वो तमाशा ही है...-
कुछ सपने टूटे है कुछ जुड़ने वाले हैं.....
बडे हो गये परिंदे अब उड़ने वाले हैं.....-
दोस्तो जज्बात मिल गये ख्यालात भी मिल जाएंगे.....
कभी आओ हमारे साथ चाय पर जवाब भी मिल जाएंगे....-
मैं दिखूँ..न दिखूँ..बस मुझे ..अहसासों में महसूस करना तुम...
मैं लिखूँ...न लिखूँ....बस मुझे...शब्दों में ही पढ़ लेना तुम….. !!!-
तुमसे नजदीकियां हो तो सुकून है
तुमसे दूरियां हो तो याद और चाय सुकून है
कमबख्त हालात जो भी हो
चाय और तुम्हारे बिना जिंदगी बे नूर है..!!!-
महकती हुई मीठी गरम बेहद लज़ीज़ है...!!
तू मुझे मेरी चाय की तरह बेहद अज़ीज़ है...!!-
तुम्हारे देर से आने पर मैं फ़िक्र जताता हूँ,
और मेरे देर से आने पर.. तुम शक..!— % &-