मगध सा साम्राज्य हिंद के सर का ताज पटना सा प्यारा आरा सा आवारा शिक्षा केंद्र विक्रमशिला कोशी सा विनाशलीला गणतंत्र का प्रथम प्रहार अडिग अविचल बिहार छठ सा धार्मिक विद्यापती सा मार्मिक
दिनकर सा कवि बुद्ध की पावन छवि मधुबनी सी चित्रकारी दशरथ का हथौड़ा भारी नालन्दा सा निहित शांति स्तूप सा जीवित चेतक सी रफ़्तार अडिग अविचल बिहार हूं मैं। (शुभम प्रधान)
बिहार हूं मैं चाणक्य सा ज्ञानी जनक सा स्वाभिमानी मांझी सा ज़िद्दी बोधगया में सिद्धी आर्यभट्ट सा गणितज्ञ राजेन्द्र प्रसाद सा राजनीतिज्ञ अशोक अस्तंभ की शेर की दहाड़ अडिग अविचल बिहार हूं मैं
मिथिला सा मिठास वैशाली का इतिहास सात शहीद का रक्त लोकनायक सा देशभक्त गुरूगोबिंद सा बलवान गया सा मोक्षदान अडिग अविचल बिहार हूं मैं
व्यक्तित्व की परिभाषा और जिंदगी की किताबें किसी के सामने उतना ही खोलो जितना उसकी क्षमता हो ग्रहण की,, अक्सर देखा है मैंने मोटी पुस्तकें को पुस्तकालय की शोभा बढ़ाते हुए......
आज का समय कुछ ऐसा है कि यदि आप देश भक्त ज्यादा हो तो लोग मोदी भक्त समझ लेते हैं। !🧘🏻♂️! !कमलासन ! उसे खुद ये पता नही कि वह पप्पू के तरह हाथ धोकर हाथ के पीछे पड़े है लेकिन हाथ में मिलने वाला कुछ नी थपड़ के सिवाय।