तेरा रंग जो मुझ पर चढ़ा है,
वो कभी उतरता नहीं,
चाहे जितना भी देख लूँ तुझे,
पर मेरा मन भरता नहीं।
जब जाती हूँ तुम्हारे पास,
तो वापस आने को मन करता नहीं,
जब सामने हो तुम,
मेरा मन ठहरता नहीं।-
मैं रूठी तो तुम भी रूठ गए,
अब मुझे मनाएगा कौन?
जो हँसी थी मेरी तेरी वजह से,
अब मुझे हँसाएगा कौन?
मेरे चुप होने से तुम खामोश हो गये ,
अब प्यार जताएगा कौन?
मैं रूठी तो तुम भी रूठ गए,
अब मुझे मनाएगा कौन?-
राधा के प्यार का संदेश, कृष्ण के नाम का विश्वास,
नववर्ष में हो हर दिन, बस प्रेम और उल्लास।-
राधा के प्रेम से सजे नववर्ष का हो आरंभ,
भक्ति और स्नेह से खिल उठे जीवन का हर अंग।
यमुना किनारे गूंजे बंसी की मधुर संग,
राधा के नाम से रंग जाए हर उमंग।
हर दिल में प्रेम और समर्पण का हो रंग,
नववर्ष की शुरुआत में राधा बने संग।
जहां राधा के चरणों में हो जीवन का आरंभ,
वहीं सजे खुशियों से हर जीवन का अंग-
तुम बीज, मैं मामूली सी मिट्टी प्रिये,
दोनों मिले तो जीवन की सृष्टि प्रिये।-
छीन गई मासूमियत,
जब समझदारी आ गई।
मिटा दी गई ख्वाहिशें,
जब जिम्मेदारी आ गई ।
और जब सीख गये खुद्दारी,
तब दुनियादारी आ गई ।।-
अच्छा लगता है मुझे पढ़ना,तुम मेरे बारे में भी लिखा करो।
अरसा हो गया है तुम्हे देखे , तुम मेरी गली में दिखा करो।-
छान आये सारे बगीचे में ,मगर उनकी पसंद का फूल न मिला,
देख आये पुरी दुनिया में , मगर उन सा कोई मशगूल न मिला।-
हर कोई देखना चाहता है उसे मानो वो महल- ए -ताज हो,,
इसीलिए छिपा रखा है मैने उसे ,जैसे वो कोई गहरा राज़ हो।-
जिंदगी में सुख एवं दुःख मौसम की तरह होते हैं,,,
अर्थात अस्थायी ।
अगर सुख है तो कुछ समय के लिये, एवं दुख है तो उसका अंत भी निश्चित है ।
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