पापा संग किताबें
और पापा संग कौफी
बस यादों में रह जायेंगी
जहां वो चले गए
ना होगी कोई बात
ना होगी मुलाकात
मीठी यादें ही सतायेंगी
कॉफी संग उनके
अब ख्वाब ही रह जायेगी-
इन भावनाओं... read more
मेरे यार तेरे बिना मेरी कोई खुशी कामिल नहीं होती
मेरे यार तेरे बिना कोई महफिल महफिल नहीं होती
माना जिंदगी में बहुत ज़रूरी है मोहब्बत सनम की
मगर ये जिंदगी तेरे बिना भी मुकम्मल नहीं होती-
ये दिल जाने रोज कितनी बार टूट जाता है
ये दिल जाने रोज कितनी बार चोट खाता है
पर सीख लिया हमने खुद पर मरहम लगाना
तभी हर रोज टूट जाने के लिए मुस्कुराता है-
हर किसी के बस का नहीं
मुझ जैसा बन पाना
मैं पंख पसार लूं अपने
तो भी गैर है ये ज़माना
और अगर खामोश रहूं
तो भी मैं अकेला बेगाना
बस मस्त रहूं आज में
कल क्या हो किसने जाना-
तेरे नाम की बिंदिया और सारा श्रृंगार है
आज उस चांद में करना तेरा दीदार है
सारी कायनात आज देगी गवाही
कि हमें तुमसे बेपनाह प्यार है-
ज़िन्दगी में मिठास कुछ इस तरह छिपी है
ज़रा सब्र करके परत तो खुद ही उतारनी पड़ेगी
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कहने को सब साथ हैं
फिर भी दिल अकेला है
ढूंढता है खुद को
भीड़ है कोई मेला है-
Tu mila to khud se dil lagane lage hai
Akele me bhi ab muskurane lage hai
तू मिला तो खुद से दिल लगाने लगे हैं
अकेले में भी अब हम मुस्कुराने लगे हैं-
जब कोई नहीं सुनता
खामोशी आवाज़ लगाती है
ये सच है यारो
रात हमें कहानियाँ सुनाती है-