Bhargavi Mishra  
35 Followers · 7 Following

read more
Joined 21 July 2020


read more
Joined 21 July 2020
14 FEB 2022 AT 0:12




क्यों न करें हम भी सौदा उस रात का
जो तड़पाए रूह को तेरी पर लब न खुलें
आहट सुनना न गंवारा लगे टूटते जिगर की
नजरें महफ़िल में सभी की चुभती सी लगें
किया था सौदा तुमने जो मेरे जस्बात का
याद दिलाए लम्हा तुम्हें उस रात का
— % &

-


1 JAN 2022 AT 0:48

बहुत दर्द दिया है पिछले साल ने
तू दवा बनकर आ ऐ नए साल

-


23 OCT 2021 AT 0:28



वो खयाल था मेरा
या
था मेरी जिन्दगी
जो
तनहा छोड़ मुझे
यहां
तारों की महफ़िल में
खो
गया कहीं

-


15 OCT 2021 AT 18:54



जेहन में रावण को रखना जिंदा
जिसमें पर नारी के लिए सम्मान
था ,तभी तो
सीता का मान जीवित रहा

-


17 SEP 2021 AT 0:20

वक्त भी काला निकला मन से
दिखावटी खूबसूरती को कोहिनूर का
खिताब दे गया

-


16 SEP 2021 AT 0:31

दे रहा है दर्द वो मुझे बिखरने के लिए
हो रही हूं मैं मज़बूत जिंदगी से लड़ने के लिए
इस बात से है वो बेखबर कि
हैं इरादे मजबूत चलने को नए सफ़र के लिए

-


5 SEP 2021 AT 23:25

गम के पलों में तलाशा तुम्हें
कई कई मर्तबा
तुम खुशियों के मोहताज़ थे
शायद! इसीलिए ही
मिलते ही अलविदा कह गए!!

-


2 AUG 2021 AT 0:07


किसी को बनाना चाहता हूं
या! किसी का बनना चाहता हूं
इसी कश्मकश मे एक उम्र गुजार दी
और
अब तो परछाईं भी करने लगी
"किनारा" बेरंग शख्सियत से

-


31 JUL 2021 AT 0:06

कोई बुलाता है
तनहाई में
झांक कर देखो
संबंधों की गहराई में
टूटता सा रिश्ता है शायद
पलकों की कोरो पर कहीं टिका हुआ
सा


-


30 JUL 2021 AT 23:20



दो ही रिश्ते हैं पनपते प्यार से
खून के रिश्ते और रिश्ते फर्ज़ के

-


Fetching Bhargavi Mishra Quotes