Bharat Mandloi   (भरत मंडलोई)
18 Followers · 7 Following

read more
Joined 22 June 2020


read more
Joined 22 June 2020
8 MAY AT 15:48

The soldier’s problem isn't fear — it’s being forgotten.

While some shout for war on social media, they’re in trenches, far from their families.
While the nation celebrates festivals, they spend nights under open skies.
And when they return in a flag-draped coffin — all they ask is not to be used as a hashtag… but to be remembered with respect.

So yes, they will fight — not because they hate the enemy in front,
but because they love the people behind them.

Don’t glorify war. Glorify the warrior.

-


7 MAY AT 12:09

ऑपरेशन सिंदूर
(भारतीय सेना की वीरता को समर्पित)

लहराया तिरंगा फिर से शान से,
गूंजा भारत वीर जवान के गान से।
जहाँ गूँजी थी तोपों की आवाज़,
वहीं फैला अब अमन का साज़।

सिंदूर बना था लाल सीमा का रंग,
जहाँ शहीदों ने बांधा था अंग।
कुर्बानी की खुशबू आई हवा में,
धड़कन चली वीरों की दुआ में।

बर्फ से ढंकी चोटियाँ भी बोल पड़ीं,
"भारत के बेटों की जयकारें बड़ीं।"
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ नाम नहीं,
ये तो जंग में जले इंकलाब की कहानी कहीं।

आँखों में जुनून, दिल में जोश था,
हर सैनिक के कदमों में देश का होश था।
जो घर न लौटे, वो अमर कहलाए,
जो लौटे, वो इतिहास बन जाए।

जय हिंद के स्वर हर कोने में गूंजे,
दुश्मन के मंसूबे पल भर में टूटे।
शांति का दीपक जलाया गया,
ऑपरेशन सिंदूर सफलाया गया।

-


30 JAN 2023 AT 6:44

आज शाम से पेड़ पर गम हैं
आज फिर एक परिंदा कम है।

-


29 OCT 2022 AT 13:39

अकेलापन

कभी कभी जरूरत पड़ती है किसी के साथ की,
मगर जब पीछे मुड़कर देखता हूँ
तो काँधे पर हाथ रखने वाला कोई ना पाता हूँ।।
कभी कभी जब बेहद बात करना चाहता हूँ
अपना अच्छा बुरा साझा करना चाहता हूँ,
तब भी खुद को बड़ा तन्हा और अकेला सा पाता हूँ।।
जब खोज ना पाता हूँ कहीं खुद को,
खुद को खुद ही में खुद से कहीं गुम सा पाता हूँ,
जब लगता है संभालने वाला कोई तो हो,
तब तब बेसहारा  सा खुद को पाता हूँ।।

-


25 MAY 2022 AT 23:33

She said "wake up",
Wake up you are lying  to me .
Her eyes with kajal flows like ganga ,
but she is shouting  "just Wake up ".
I saw her  while she is accepting  the hardest  thing of her life .
Her sindoor is not there today .
She is not having that bangles even .
Is this is real?
Is this is real that her world is wrapped in a  tiranga .
she  is talking to him.
"I love you" , she said
"I love you " but she  is aware  of the situation  .
She promised  him that she will always maintain  his legacy  .
I saw her yesterday  she is just commanding  a battalion  by saying...

"AMAR RAHEY AMAR RAHEY  IS DESH KE VEER AMAR RAHEY"

I  saw her eyes  they are smiling  and saying  "look at me love  I am wearing  your pride."

-


8 MAY 2022 AT 21:54

तुम्हारा अस्तित्व उससे हैं,
तुम्हारा व्यक्तित्व उससे है।

वो हर किरदार निभाती है,
डाँटती है और संभालती है।

वो रोती है तुम्हारे पीछे,
सामने तुम्हारे आँखे मींचे।

चोट तुम्हारी उसे हमेशा लगती है,
दूर होने पर भी दर्द वो सहती है।

वो है और हमेशा रहेगी,
वो माँ हैं दुबारा कहाँ मिलेगी?

-


22 MAR 2022 AT 18:35

एक दोस्त

मैं हो गया हूँ पहले जैसा बाहर से,
मैं अंदर से पहले जैसा नहीं रहा..

मेरे सारे रिश्तों में आग लग गई,
जबसे मेरी जेबों में पैसा नहीं रहा..

एक दोस्त था मेरा, बड़ी हसीन दोस्ती थी,
वो दोस्त भी मेरे दोस्त जैसा नहीं रहा..

जबसे हुआ है मालूम मंजिल मौत है,
सफर जिंदगी का भी वैसा नहीं रहा..

-


22 MAR 2022 AT 17:13

मेरी खामोशी को मेरी हार,

समझने वालों.!

कल को

अफसोस होगा..

मुझे परखने वालों..!!

-


16 MAR 2022 AT 8:59

एक कथा सुनी थी वीरों की,
युद्ध में लड़ रहे शमशीरों की।
जब देखा तुझको वीर सपूत,
रस्ता मोड़ रहे, तुम तूफानों का ।।

सीमा पर तुम तैनात दिखे,
रावत तुम अंगार दिखे।
फौज की छाती चौड़ी हो गई,
मातृभूमि के दीवार दिखे ।।

अर्जुन तेरे फौजी थे,
तुम कृष्ण के जैसे सारथी थे।
हर चक्रव्यूह को तुमने तोड़ा,
चाणक्य के जैसे ज्ञानी थे ।।

दुश्मन मुल्क थर्रा गए,
जब तीनों सेना के सरदार हुए।
उरी और पुलवामा जैसे हमलों का,
दुश्मन की छाती में, घुसकर वार किए ।।

हे वीर शहीद जवान तुझे,
इस माटी की कण कण तुझको याद करेगी
रो रही है भारत मां,
अपने लाल को कैसे विदा करेगी ।।

-


25 FEB 2022 AT 9:05

खून अपना हो या पराया हो
नस्ल-ए-आदम का खून है आख़िर
जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में
अम्न-ए-आलम का खून है आख़िर
बम घरों पर गिरें कि सरहद पर
रूह-ए-तामीर ज़ख़्म खाती है
खेत अपने जलें कि औरों के
ज़ीस्त फ़ाक़ों से तिलमिलाती है
टैंक आगे बढ़ें कि पिछे हटें
कोख धरती की बाँझ होती है
फ़तह का जश्न हो कि हार का सोग
ज़िंदगी मय्यतों पे रोती है
जंग तो ख़ुद ही एक मसला है
जंग क्या मसलों का हल देगी
आग और खून आज बख़्शेगी
भूक और एहतियाज कल देगी
इस लिए ऐ शरीफ़ इंसानों
जंग टलती रहे तो बेहतर है
और हम सभी के आँगन
शमअ' जलती रहे तो बेहतर

-


Fetching Bharat Mandloi Quotes