Bharat Kumar Vaishnav  
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Joined 1 November 2022


Joined 1 November 2022
17 FEB AT 19:32

" मेरे मालिक छोटी सी जिन्दगी में इतनी सी है इच्छा मेरी ...,
कि मरते दम तक सदा ही बेदाग रहे ये दामन मेरा....!! "

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14 FEB AT 19:14

" देखा है मैने आज ख्वाब में तुझे....,
इश्क फिर से पुकार रहा है शायद ....!

न हारा इश्क़ और न दुनिया थकी...,
दिया जल रहा है हवा चल रही है...!

इज़हार पे भारी है ख़मोशी का तकल्लुम...,
हर्फ़ों की ज़बाँ और आँखों की ज़बाँ और...!

मौत हो जाए ताल्लुक़ की तो मिट्टी डालो...,
यहॉं देर तक घर में जनाज़ा नहीं रखा करते....!! "

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8 FEB AT 18:42


" ए जिन्दगी ,
अजीब है तेरा सबब..!

जब ये मायूस होती हे ,
तभी महसुस होती है..!

इसलिए ही ,
तो मैं.....,

न खुश ना उदास
बस खाली और खामोश हूँ......!! "

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4 FEB AT 15:18

" खामोश है कलम....,
शब्द भी खामोश हैं....,

लबों पे ख़ामोशी...
बसर गुमनामी में...,

अब बता ज़िन्दगी...,
और क्या है....?

मुकम्मल तरीका...,
तुझे जीने का.........!! "

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23 JAN AT 19:20

खुशियॉं के साथ हर मलाल भी गुजर जाएगा...!!

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23 JAN AT 18:14

" चार दिन की...,
जिन्दगी में....!

कभी खुशी,कभी गम..,
कभी हार,कभी जीत..!

वक्त गुजरा...,
उम्र गुजरती गई..!

अब ' मनुज ' निराशा कैसी..? "


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22 JAN AT 9:33

" मेरे हमसफर अब चरागों को..,
कुछ तो बतलाओ...!
कैसे उन्हें बुझा डाला तुम्हीं ने...,
घर जलाने के बाद...!!

ना जाने क्यों मिले तुम..,
अगर युं ही बिछड़ना था...!
आखिर ये जिंदगी ...,
वेसे भी ग़मों की ही अमानत थी...!! "

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21 JAN AT 17:49

" मुस्कुरा कर जीत ले जो दर्द अपना...!

फिर ज़माने के दर्द उसे क्या खाक सताएगें....?? "

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19 JAN AT 18:54

" खुद की कोशिश ए जुनुन पर एतबार...,
और किरदार ए ईमानदार रखना जरूरी है...!

वरना कुछ नया करने के लिए...,
सारी उम्र ही दाँव पर लग जाती हैं...!! "

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19 JAN AT 18:16

" वो दे तो शुक्र उसका...!

न दे तो मलाल नहीं.....!! "

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