सब घिरे हैं अपनी अपनी परेशानियों मेंकोई रोना तो कोई सुलझाना चाहता है -
सब घिरे हैं अपनी अपनी परेशानियों मेंकोई रोना तो कोई सुलझाना चाहता है
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हर पल नश्तर ज़ुबाँ से चुभाने वाले लोगये बात अक्सर भूल जाते हैंकि ज़ुबाँ तो उसके पास भी है वो बस कदर रिश्ते की करता है -
हर पल नश्तर ज़ुबाँ से चुभाने वाले लोगये बात अक्सर भूल जाते हैंकि ज़ुबाँ तो उसके पास भी है वो बस कदर रिश्ते की करता है
चंद कोशिशें नाकामयाब हुईंएक सफल प्रयास ही दुनिया झुकाने के लिए बहुत है । -
चंद कोशिशें नाकामयाब हुईंएक सफल प्रयास ही दुनिया झुकाने के लिए बहुत है ।
बीत गए कुछ दिन इस साल के नये जैसा इसमें भी कुछ नहीं -
बीत गए कुछ दिन इस साल के नये जैसा इसमें भी कुछ नहीं
कभी दूसरे के नज़रिये को भी समझने की कोशिश कीजिए हमेशा आप ही सही हों ये ज़रूरी तो नहीं -
कभी दूसरे के नज़रिये को भी समझने की कोशिश कीजिए हमेशा आप ही सही हों ये ज़रूरी तो नहीं
अंदर ज्वालामुखी है जो ऊपर से पहाड़ जैसा दिखता है मैंने देखा है लोगों में धधकते हुए लावा को,जलता है इंसान हर पल उस आग में बाहरी शांति का मतलब सुकून हो ये ज़रूरी तो नहीं ! -
अंदर ज्वालामुखी है जो ऊपर से पहाड़ जैसा दिखता है मैंने देखा है लोगों में धधकते हुए लावा को,जलता है इंसान हर पल उस आग में बाहरी शांति का मतलब सुकून हो ये ज़रूरी तो नहीं !
पहले सा इस रिश्ते में अब कुछ नहीं ,वजूद खुद का ही मिटा दियारिश्ता बचाते बचाते -
पहले सा इस रिश्ते में अब कुछ नहीं ,वजूद खुद का ही मिटा दियारिश्ता बचाते बचाते
अहसास तो होने दो उसे आपकी कमी काजो आपकी अहमियत नहीं जानते उजाले में एक तरफ़ रखे चिराग़ की क़ीमतअन्धेरे में ही समझ आती है -
अहसास तो होने दो उसे आपकी कमी काजो आपकी अहमियत नहीं जानते उजाले में एक तरफ़ रखे चिराग़ की क़ीमतअन्धेरे में ही समझ आती है
रूठे रहे वो मनाने की इंतेहा तक ,रूठने मनाने के इस खेल में एक और रिश्ता “अहम” की भेंट चढ़ गया । -
रूठे रहे वो मनाने की इंतेहा तक ,रूठने मनाने के इस खेल में एक और रिश्ता “अहम” की भेंट चढ़ गया ।
From sleepless nights and endless talksTo waiting whole night and not getting replies ..This is how it ended..! -
From sleepless nights and endless talksTo waiting whole night and not getting replies ..This is how it ended..!