तुमने देखना छोड़ दिया l
तो हमनें लिखना छोड़ दिया ll
क्या कहे क्या नहीं l
अब पहले जैसी बात नहीं ll-
क्या है तुम्हारे मन हाल
जो दिन के उजालों में बताना पाया
वही हैं अकेलेपन पे सवाल....-
हम को तो अपनोंने
गैरो कें लिए पराया कर दिया
क्या उम्मीद रखें अब खुदसे भी
हमारा तो हसीन सपना हि टूट गया....-
तुझ्या आधारापेक्षा
सोबतीची साथ हवी
मोठ्या त्या स्वप्नांपेक्षा
लहान गोष्टिंची गंमत राहावी....-
तेरी बातों की उलझन में
हम सुलझतें गये
और सुलझनें हि लगे थे
की फिर से हम उलझसें गये....🌼
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आँखों ने तेरी बाधीं मेरी मन की दोर है..
तुझे पाना नहीं तुझे दुर से देख कर ही हम खुश है....
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जिंदगी खाली जीं रहें थें हम
आप के आजाने से खुश रहेने लगे
पहेले तो सिर्फ वक्त काट रहे थें हम
आप के आजाने से मेहसूस करेने लगे
इधर उधर कहा बिखरे थें हम
आप के आजाने से तो समेटनें लगे
कहीं शिकवा रखकर घुम रहे थें हम
आप के आजाने से मुस्करांने लगे
लगता है ऐसे ही बाहों मैं आपके सिमटें रहें
दो दिल ऐक धडकन होकर बस धडकतें रहें....
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आज काल मी फक्त
तुलाच पाहते
दिवस रात्री फक्त
तुझ्याच स्वप्नांत रमते
एक जादु तुझ्या असण्याची
एक वेड तुझ्या प्रेमाचे
मन फक्त ओढत चालले
मी त्याला थांबवत राहिले
डोळ्यांचे ते इशारे
स्वप्नांचे रचते मी मनोरे
तु असतानां तुझ्या सोबत
तु नसतांना तुझ्या विना
मी मात्र उगाच अडकून पडले....
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एकांतातल्या दुराव्यापेक्षा
दुराव्यांतील एकांत बरा होता
बोलून सारे संपण्यापेक्षा
तो अबोलाच बरा होता....-
रिमझिम पडणारा पाऊस
धरत चाललाय मनाचे फेर
बरसूनी वरून खाली
देतोय मला सोबतीची भेट....-