Bhagwati Rajpurohit  
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Joined 19 November 2018


Joined 19 November 2018
19 MAR 2022 AT 13:08

कातिलो की बस्ती में दूर तलक कातिल ही कातिल है
कातिलो की बस्ती पसंद आयी है मुझे,
केवल कत्ल , केवल  कत्ल और कुछ भी नहीं ।
कातिल केवल कातिल है ।

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16 MAR 2022 AT 22:11

अगर किसी कि मुर्खता का उच्चतर स्तर देखना हो; तो उसकी
हर बात पर सहमति जाहिर किजिए व मौन रहिए।

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16 JAN 2022 AT 18:54

द्रुपद नंदिनी ; उस नदी की तट रेखा थी जिसने कभी बाढ़ का रुप नहीं लिया।
माता सीता; जिनका हृदय समुद्र की तरह विशाल जिसका कोई छोर नहीं ।



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22 DEC 2021 AT 22:04

मेरे मौन ने, तेरे मौन को समझा
बाकी जो बचा, वो खुदा ने समझा।

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21 DEC 2021 AT 14:26

तकल्लुफ़ ना कीजिए, मुक़द्दस बनने की
मौन है हम, मुर्ख नहीं

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14 DEC 2021 AT 23:40

समुद्र, किनारा खोजता रहा
मै, अपने खोजता रहा।।

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11 DEC 2021 AT 23:26

जनाजे में शामिल,हर कोई रिश्तेदार नहीं
जीवन में शामिल, हर शख्स वफादार नहीं

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9 DEC 2021 AT 21:16

कुछ जज्बात पन्नों पर नहीं उतारे जाते ।
कुछ हालात, किसी को बताए नही जाते ।
आसान नही होता हर सड़क का सफर।।

यू ही कुछ दर्द, किसी को बताए नही जाते।
कुछ किस्से,कहानियाँ अपने तक ही रह जाये।
कुछ किरदार मेरे है ,मेरे ही रह जाऐ
आसान नही होता, हर सड़क का सफर।

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9 DEC 2021 AT 19:04

रिश्ते उधड़ने लगे है
अधिकार मैने माँगें हैll

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9 DEC 2021 AT 19:01

मैं इतनी सहज ना थी
बारिश हुई ;बादलों को खबर नहीं
मैं रोई, आंखों को आभास नहीं
पुस्तकों के पन्नों में जीवन पा गई
कितनी सहज ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,थी मैं,,,,,,,,,,,,

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