Likhne wale to mahfilo me bhi tanhaiya dhoondh lete hai
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bhagat singh
(Singh)
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Joined 30 September 2017
20 JAN 2019 AT 22:06
सब होना पर अपनो का
साथ ना होना
सबका होना पर खुद का
खुद में ना होना-
18 JAN 2019 AT 19:39
वो मुलाकाते भी क्या जिनमें ,परखने की ख्वाहिश हो
जान पहचान वाले भी तो, अनजान ही थे पहले
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18 JAN 2019 AT 19:35
वो गिरा भी
गिरकर रूका भी
रूककर चला भी
मेहनत की आग में जला भी
मिलने में थोङी देर लगी
पर, सुना है सफलता
उसके साथ रहती है अब-
18 JAN 2019 AT 19:29
"अहंकार"
खुद से आगे बढ़कर ,कुछ सोचने ही नहीं देता
और खुद की गलती,खुद कौन बताता है?-
17 JAN 2019 AT 22:26
Kuch andhera bhi chahiye hota h raat me ghar ko
Verna roshni me to aankh bhi nhi legti-
12 JAN 2019 AT 15:39
बिन मंजिल के चले एक अरसा हो गया
तय कर लेते पहले ही तो इतना दूर ना आते-
8 JAN 2019 AT 13:47
मोम पिघलता गया
और घुलता गया हवा में
जल जलकर
और लौ सारी रोशनी की
हकदार हो बैठी-
6 JAN 2019 AT 22:17
चलते भी हम है
रूकते भी हम ही
जिंदगी तो राह है
ये तो बनाने से बनती है
तलाश तो रहती ही है
अपनो की इस राह में-