कर्म फल कभी आपकी प्रतीक्षा नहीं करते,
यदि कर्म अच्छे हैं तो तो यह तय है की मरुवन में भी आपको पानी मिल जाए,
और यदि कर्म बुरे हैं तो आप चाहे कितने पुण्य कर लें आपको फल भुगतना ही होगा।
यदि परिथितियाँ समझकर भी आप अपने कर्मों स्मरण नहीं कर पा रहे हैं तो कोई बात नहीं कर्मों को आप अच्छे से स्मरण हैं।
• मेरी बैरागी कलम •-
. न कुछ थी,.. न कुछ हूॅं,
... न कुछ मिलूॅंगी,
कलम की स्याही,... कलम के ... read more
मैं आँखों का समंदर किया करता हूँ,
मैं दिल से तुझे याद किया करता हूँ,
अश्कों से लेकर मोहलत थोड़ी,
मैं अक्सर तेरा दीदार किया करता हूँ ।
चाँदनी रातों को रूठा करता हूँ,
अमावस में मुस्कुराया करता हूँ,
कोई करे नुमाईश अपने हुस्न की,
तो मैं तेरी तस्वीरें बनाया करता हूँ।-
सौगातें कई सारी हैं, मैं क्या-क्या दिखाऊॅं तुमको,
उसे बस लिखना भाया,मैं क्या-क्या सुनाऊॅं तुमको।
बहकी पड़ी है चाॅंदनी उसको होश नहीं आता है,
रात के दिल पर गुज़री क्या,क्या-क्या बताऊॅं तुमको।
असल बस हकीकत हैं हम, वो पानी पर तस्वीर है,
वजह-ए-गुमशुदगी में, मैं क्या-क्या लिखाऊॅं तुमको।-
बुझे मन से
मैंने तुम्हारी किताबें छुई,
पर मैं नहीं जानता था,
कुछ देर में मोती झरेंगे,
मैं ख़ुद से मिलूॅंगा।
तुमने मुझको पहले ख़ुद से अलग देखा,
फिर ख़ुद में देखा,
और फिर ख़ुद को देखा।
तुमने मुझे बनाया और आख़िर में
किताबों के गुलाब सा सजा दिया।
शायद!
शायद मैं तुम्हारा इश्क़ हूॅं किताबों से।-
कभी दिल को तुमने महल बनाया,
मेरी तन्हाई को क्यों हलचल बनाया,
जानती हूं दानिस्ता तुमने हाथ छोड़ा,
धोखे को अपने इश्क़ हरपल बनाया।-
कब,कितनी,और कहाॅं तक चलेंगी,
ये मुश्किलें सदियों से लंगड़ी हैं,
अरे! चलने दो कहाॅं तक चलेंगी।-
कौन है तुम्हारी जगह
तुम जैसा मैं कहाॅं पाऊॅंगी?
मैं उसमें तुम्हारा अक्स नहीं,
तुम्हें ही खोजा करूॅंगी।
उसमें तुम्हें खोजते हुए,
हर दम साॅंसों की तरह
तुम्हें ही याद करूॅंगी,
तुम्हारे कारण जो कोई
मेरी ज़िंदगी में आया,
सितम बनकर आया,
या बहार बन कर छाया
वो मुझे प्यारा ही लगा।
जैसे जाते हुए के साथ
कुछ कदम और चलना,
उस विदाई को यादगार
बना देता है,
ठीक उसी तरह,
हम तुम्हारे साथ हैं।
शुक्रिया yourquote
शुक्रिया कोराकाग़ज़-
उस कुदरत बनाने वाले ने फूल-पत्ते बनाए,
हमेशा एक-सा न लगे इसलिए काॅंटें बनाए।
शेष अनुशीर्षक में पढ़ें-
कहाँ जा कर रुकेगा ये अजीब सिलसिला,
कि अभी मुझे और कितना बर्बाद होना है।
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