.....BĘŤŲ 🔥   (अनसुने_अल्फ़ाज़__!🔥)
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Joined 17 September 2019


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Joined 17 September 2019
11 OCT 2019 AT 12:18

कोई कहे इश्क़ का रंग सफ़ेद,
कोई इसे लाल इश्क़ कहे।
मैं क्या कहुँ, कैसा है ये इश्क़,
मेरे लिए तो इसमें हर रंग बहे।।

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18 SEP 2019 AT 10:10

एक लड़का हैं, जिसे मैं बहुत प्यार करती हूँ,
एक लड़का हैं, जिस पर मैं जान निसार करती हूँ।

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30 AUG 2021 AT 11:27

आज फ़िर गोकुल की गलियों में मचा ये शोर हैं!
माखन चुराने आज फिर आ रहा माखन चोर हैं!!


माखन चोर के जन्मोत्सव की
सभी को हार्दिक शुभकामनाएं❤️

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11 APR 2021 AT 19:54

आज तुम्हें अपनी सफ़ाई देना नही चाहते!
अब और ख़ुद की नजरों में ख़ुद गिरना नही चाहते!!

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3 APR 2021 AT 12:05

हम तो बेवज़ह ही उनका ग़म खाए बैठे थे!
अरे वो तो बड़ी जल्दी कही और दिल लगाए बैठे थे!!

हमनें तो कुछ फ़ैसले उनकी खुशी के वास्ते ले लिए,
और वो बिना जाने ही हमें बेवफ़ा बनाए बैठे थे!!

दिल आज भी रातों को रोता हैं ना जागता हैं ना सोता हैं,
पर वो क्या जाने क्योंकि वो इसे कबसे दफनाए बैठे थे!!

मजबूरियों के दलदल में फँसे हैं हम क्या करे,
वार्ना एक सिर्फ़ तुझपे ही सब कुछ लुटाए बैठे थे!!

एक बार तो मेरी उस झुके चेहरे की ज़ुबाँ समझ लेता,
छुपा कर तुझसे अपनी निगाहें रो-रो कर सुजाए बैठे थे!!

बेवज़ह ही तेरा ग़म खाए बैठे थे!
बेवज़ह ही आज भी तुझसे दिल लगाए बैठे थे!!

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18 FEB 2021 AT 11:22

किसी की दुआ तो क़बूल हुई होगी !
वार्ना मेरा ख़ुदा इतने दर्द मेरे हिस्से नहीं करता !!

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17 FEB 2021 AT 22:36

आज जब ख़ुद की हाल-ए-ज़िन्दगी देखती हूँ !
क्या बुरे काम किए होंगे यहीं सोचती हूँ !!

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30 OCT 2020 AT 12:18

मेरे इंतजार का क्यों क़त्ल-ऐ-अंजाम कर रहे हो।
मोहोब्बत से क्यों दीवाना दिल नाम कर रहे हो।
हर पल छेड़ना मुझे क्यों पसंद हैं तुम्हें ज़नाब।
करके ये तरीक़े क्यों बेक़रारी तमाम कर रहे हो।।

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30 OCT 2020 AT 12:12

बेवज़ह ही तुम्हारा नाम लेती हूँ।
बेवज़ह ही तुम्हारी बात करती हूँ।
मेरा इश्क़ एक इबादत सा लगता हैं।
बेवज़ह ही तुम पर मरती रहती हूँ।।

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21 JUN 2020 AT 23:18

किसने कहा कि जिसके पास कुछ नही,
वो कुछ नही होता।
चाँद को ही देख लो जिससे उसे रोशनी मिलती है,
आज उसने उस सूरज का तेज ही कम कस्र दिया।।

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