Betu Bindass   (BETU Bindass)
463 Followers · 437 Following

read more
Joined 5 March 2018


read more
Joined 5 March 2018
30 MAR 2023 AT 23:10

सच्चे इश्क की दुहाई देते हो,
और हर मोड़ पे भटक जाते हो...
हर शख्स में इश्क ढूंढते हो,
पर... इश्क है जिसको,
बस उसी से मुंह फेर जाते हो...

-


24 MAR 2023 AT 8:52

दूर _ पास का हमें कुछ न पता,
तुमसे जो जस्बात हैं तो हैं,
तुमको दुनियां जो दिखाना है दिखाओ,
इस जहां के जो सवालात हैं तो हैं,
ये खेल तो बहुत पुराना है, जान...
तो क्या करें छुपता नहीं हमसे,
हम ठहरे एक अनाड़ी, अब जो हैं तो हैं!!!

-


14 MAR 2023 AT 8:52

जो दिन बीतें थे खुशियों में,
उनकी यादें बड़ी रुलाती हैं...

-


6 MAR 2023 AT 19:48

बहुत बैचनी से पूछती थी,
इतना क्या देखते हो आंखो में,
अब नजरें भी नहीं मिलती उनसे।
अब तो नजरें मिलती ही नहीं किसीसे.....
सारी मुहब्बत तो लुट गई उनकी बेपरवाही में,
अब तो कमबख्त ये इश्क होता भी नहीं किसीसे।।।

-


5 MAR 2023 AT 23:15

खिलौना समझ के खेला होता,
तो भी हम बहुत खुश थे...
यूं तोड़ के चले जाना कहा की वफाई है...

-


4 MAR 2023 AT 22:21

मैंने भी तो बर्दास्त किया है,
तुम भी किया करो......
कोई किसी का लिखा, बदल तो नहीं सकता...

-


3 MAR 2023 AT 0:33

जब कभी ट्रेन छूट जाती है... तो,
हज़ारो ख़्याली कोशिश होती है,
हर कोशिश में उसको पाने की
अजीब खुशी होती है...
मगर होश में सामने जो नज़र पड़ती है,
दूर कहीं वो जाती, जाती हुई वो दिखती है।।।
(यहां ट्रेन मतलब, ट्रेन ही हैं☺️)

-


1 MAR 2023 AT 8:12

किसी भी रिश्तों में वक्त की भीख मांगना,
उन रिश्तों का आखिरी मुकाम होता है....

-


27 FEB 2023 AT 20:14

खुद ही कुरेदता हूं जख्मों को,
खुद ही मलहम लगा रहा हूं,
खुद ही लड़ रहा उन यादों से,
खुद को ही मैं मना रहा हूं,
यादें जो तेरी मेरी है, बाते जो तेरी मेरी है,
ऐसा न होता, तो कैसा होता,
वैसा न होता, तो कैसा होता,
हर गुंजाइश को मैं खुद ही आजमा रहा हूं,
हर बार तुम दूर चली जाती हो,
हर बार मैं तुम्हे ही पास बुला रहा हूं,
खुद के ख्यालों में, न जाने,
कैसे कैसे ख्वाब सजा रहा हूं,
हार कैसे मानूं मैं, कैसे भूल जाऊं, या...
हार मान लूं, और भूल जाऊं, सुबह से शाम
बस यही जंग जहन में, हर रोज लड़ रहा हूं।

-


26 FEB 2023 AT 19:12

सबके अपने किस्से, सबके अपनी कहानी है,
सबके अपने नजरिए हैं...
खुद का किरदार दमदार मुंहजबानी है,
दो टूक कोई झुठला दे, दुश्मनी उसी से निभानी है,
गिरेबान तो सबके काले हैं, फिर भी चुगली लगानी हैं,
आईना तो बहुत है इस शहर में, पर अपनी सकल..., किसको यहां दिखानी है,
लो माना की गलत हम थे थोड़े, लेकिन गलती अपनी छुपानी है,
दो कदम आगे हम ही क्यों चले, हमको तो बस अकड़ दिखानी है,
रिश्तों की गर्मी बनाए रखो, लेकिन हमें तो बस गर्मी दिखानी है,
फिर कोई झुक जाए हमारे लिए, हमे क्या,
हमे तो नाक ऊपर ही उठानी हैं,
कोई किसका क्या करता है, हमें तो बस अपनी चलानी है,
सबके अपने किस्से हैं, सबके अपनी कहानी है,
सबके अपने नजरिए हैं...
खुद का किरदार दमदार मुंहजबानी है।।

-


Fetching Betu Bindass Quotes